अहलेबैत न्यूज़ एजेंसी अबना की रिपोर्ट के अनुसार आज बाराबंकी में इदारए इस्लाह की ओर से हजे बैतुल्लाह के नाम से एक अंतर्राष्ट्रीय हजे बैतुल्लाह कांफ्रेंस का आयोजन किया गया जिसमे मुस्लिम धर्म के सभी समुदाय के लोंगो ने न केवल कार्यक्रम में बढ़ चढ़ का हिस्सा लिया बल्कि हज के महत्त्व, लाभ एवं हज न कर सकने के कारण होने वाली हानियों पर गंभीरता से प्रकाश डाला, लगभग सभी वक्ताओं ने मुख्य रूप से इस विषय की चर्चा की कि हज के अवसर पर लगभग सभी देशों के लोग मक्का शरीफ में एकत्र हो कर हज के पवित्र दायित्व को अदा करते हैं, मुसलमान जब हज करने में हज का एहराम या यूँ कहा जाये की हज का विशेष वस्त्र धारण कर लेता है तो उसे इस संसार की सभी चिंताओं, दुख, और सांसारिक मायामोह से मुक्त होकर अपने आप को ईश्वर के निकट होने का अनुभव होता है, बशर्ते हज एक मज़हबी ज़िम्मेदारी समझ कर सच्चे मन से किया जा रहा हो उन्होंने यह भी कहा कि हज का यह पवित्र अवसर इस लिए भी मत्वपूर्ण हे की इस मौके पर पूरी दुनिया के मुसलमान बिना किसी जात धर्म का भेद किये एक दुसरे को देख पाते है और उन्हें समझ पाते है यही वह शुभ अवसर है जब सत्ताधारक मुस्लिम शासको को एकत्र होकर सभी देशो के मुसलमानो की सामाजिक एवं आर्थिक स्थित पर विचार करने की आवश्यकता है ताकि वह इस अवसर का लाभ उठाकर एक पैग़ाम विश्व के मुसलमानों को दिया जा सके और जो लोग सच्चे रास्ते भटक गये हैं उन्हें हज के अवसर पर दिए गए पैग़ाम के माध्यम से सही रास्ता दिखाने की भी आवश्यकता हैं ईरान से आये प्रख्यात विद्वान हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन मौलाना मेहदी मेहदवीपुर साहब ने हज के महत्व पर प्रकाश डालने के साथ सभी धर्मो और समुदायों के लोगो के साथ धार्मिक सहिष्णुता एवं अहिंसा के साथ भाईचारगी बढ़ाने पर ज़ोर डाला उन्होंने कहा की एक तरफ़ हज का मेज़बान हज के मौके पर हाजियो की मेज़बानी कर रहा है हज मे जहाँ एक ओर किसी भी कारण से चींटी के जीवन को भी संकट में डालना पाप माना गया हैं वहीं दूसरी ओर हाजियो का मेज़बान सऊदी अरब यमन के मुसलमानो पर बम बरसाए, उन्हें बेघर करे और उनके हज में सम्मिलित होने पर प्रतिबन्ध लगा दे तो ऐसे देश से दुनिया को दिए गए किसी अमन के संदेश का क्या महत्व होगा उसे लोग स्वंय समझ सकते हैं।
source : abna24