भारत के लगभग 100 वैज्ञानिकों और विद्वानों ने बुद्धिजीवियों, साहित्यकारों और कलाकारों पर बढ़ते दबाव पर गहरी चिंता जतायी है।
इरना के अनुसार, भारत की लगभग 100 वैज्ञानिक व साहित्यिक हस्तियों ने शुक्रवार को एक संयुक्त बयान जारी किया जिसमें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को सीमित करने की कोशिशों पर सख़्त एतराज़ करते हुए बल दिया है कि इस देश में असहिष्णुता और विचारकों व विद्वानों पर हमला चिंताजनक हद तक बढ़ गया है।
इस संयुक्त बयान पर साहित्य एकादमी के पूर्व निदेशक, भारत के आणविक ऊर्जा संस्था के पूर्व चेयरमैन और सेंटर फ़ॉर मॉलेक्यूलर ऐन्ड जेनेटिक साइंस के पूर्व निदेशक शामिल हैं।
ज्ञात रहे कि भारत में एक साहित्यकार व विचारक पर चरमपंथी हिन्दुओं के घातक हमले के बाद भारत के 23 से ज़्यादा साहित्यकार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सीमित किए जाने के ख़िलाफ़, प्रसिद्ध साहित्य एकादमी पुरस्कार लौटा चुके हैं। (MAQ/N)
source : irib