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लखनऊ में "एक शाम नाइजीरिया के मज़लूमों के नाम"। तस्वीरें

अहलेबैत न्यूज़ एजेंसी अबना: भारत के उत्तर प्रदेश राज्य की राजधानी लखनऊ में नाइजीरिया के अत्याचारग्रस्त मुसलमानों के समर्थन में “एक शाम नाइजीरिया के मज़लूमों के नाम” से कार्यक्रम का आयोजन किया गया। लखनऊ के एतिहासिक छो
लखनऊ में "एक शाम नाइजीरिया के मज़लूमों के नाम"। तस्वीरें

अहलेबैत न्यूज़ एजेंसी अबना: भारत के उत्तर प्रदेश राज्य की राजधानी लखनऊ में नाइजीरिया के अत्याचारग्रस्त मुसलमानों के समर्थन में “एक शाम नाइजीरिया के मज़लूमों के नाम” से कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
लखनऊ के एतिहासिक छोटे इमामबाड़े में आयोजित कार्यक्रम में भारत के वरिष्ठ शिया धर्मगुरू और इमामे जुमा लखनऊ मौलाना कल्बे जवाद नक़वी ने नाइजीरियाई सेना के हाथो मारे गए एक हज़ार से भी अधिक शिया मुसलमानों के नरसंहार की कड़े शब्दों में निंदा की।
मौलाना ने कहा कि नाइजीरिया में हुए शिया मुसमलानों के नरसंहार की जितनी भी निंदा की जाए कम है, उन्होंने कहा कि मौलाना शेख़ इब्राहीम ज़कज़की किस स्थिति में हैं यह अभीतक स्पष्ट नहीं है और न ही नाइजीरियाई सेना कोई स्पष्ट जानकारी उपलब्ध करा रही है।
इमामे जुमा लखनऊ ने “एक शाम नाइजीरिया के मज़लूमों के नाम” कार्यक्रम में शामिल हज़ारों की संख्या में लोगों को संबोधित करते हुए प्रश्न किया कि अब दुनियाभर का मीडिया कहां है?
उन्होंने कहा कि अमरीका सहित पश्चिमी देशों में एक भी व्यक्ति की मौत होती है तो पूरी दुनिया का मीडिया चीखने चिल्लाने लगता है पर नाइजीरिया में एक हज़ार से अधिक मुसलमानों का नरसंहार हो गया और मीडिया पूरी तरह चुप्पी साधे हुए है।
मौलाना ने कहा कि हम मज़लूम क़ौम हैं लेकिन इतिहास गवाह है कि हमे जितना दबाया गया हम उतना ही और अधिक ताक़त से उबर कर सामने आए हैं।
उन्होंने कहा कि नहीं मालूम वह मुसलमान मुफ़्ती कहां खो गए हैं जो इस नरसंहार के संबंध में कोई फ़त्वा नहीं दे रहे हैं।
भारत के वरिष्ठ शिया धर्मगुरू मौलाना कल्बे जवाद ने भारत सरकार से मांग की है कि वह नाइजीरिया सरकार पर वार्ता कर शेख़ ज़कज़की की रिहाई के लिए दबाव बनाए।
इस कार्यक्रम में भारत के प्रसिद्ध मुस्लिम धर्मगुरू मौलाना जाबिर जौरासी, मौलाना एहतेशामुल हसन शमसी, मौलाना अली अब्बास ख़ान सहित लगभग एक दर्जन से अधिक बुद्धिजीवियों और हज़ारों लोगों ने भाग लिया।


source : abna24
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