बहरैन में वरिष्ठ धर्मगुरु शैख़ ईसा क़ासिम के ख़िलाफ़ मुक़द्दमे की सुनवाई एक बार फिर स्थगित हो गयी है। अब यह सुनवाई 24 मई को होगी।
अलआलम ने बहरैनी सूत्रों के हवाले से बताया कि बहरैनी अदालत ने शैख़ ईसा क़ासिम के ख़िलाफ़ मुक़द्दमे की सुनवाई एक बार फिर टाल दी है।
शनिवार की रात बहरैन सहित फ़ार्स खाड़ी के अरब देशों में जनता ने आले ख़लीफ़ा शासन के, शैख़ ईसा क़ासिम के ख़िलाफ़ मुक़द्दमा चलाने के फैसले के विरुद्ध प्रदर्शन किया। ये प्रदर्शन रविवार की सुबह भी जारी रहे।
लोगों ने कफ़न पहन कर प्रदर्शन किया और इस तरह शैख़ ईसा क़ासिम पर अपनी जान न्योछावर करने का एलान किया। प्रदर्शन में शामिल लोगों ने आले ख़लीफ़ा शासन को शैख़ ईसा क़ासिम के ख़िलाफ़ मुक़द्दमा चलाने और इस देश के शियों पर हमले के अंजाम की ओर से चेतावनी दी।
ग़ौरतलब है कि बहरैन में अब तक अदालत कई बार शैख़ ईसा क़ासिम के ख़िलाफ़ मुक़द्दमे की सुनवाई टाल चुकी है, जिसका कारण उन्हें जनता का हासिल अपार समर्थन माना जाता है।
दूसरी ओर इराक़ के नोजबा आंदोलन के महासचिव शैख़ अकरम अलकअबी ने आले ख़लीफ़ा शासन को चेतावनी देते हुए कहा कि आयतुल्लाह शैख़ क़ासिम को नुक़सान पहुंचाना आस्था के अपमान के समान है और नोजबा आंदोलन व प्रतिरोधक गुट शैख़ ईसा क़ासिम पर संभावित हमले के जवाब के अधिकार को अपने लिए सुरक्षित समझते हैं।