मास्को में वेनेज़ुएला के राजदूत ने देश में विद्रोह की अफ़वाहों का खंडन किया है।
फ़ार्स न्यूज़ एजेन्सी की रिपोर्ट के अनुसार मास्को में वेनेज़ुएला के राजदूत ने सोमवार को अपने देश में विद्रोह के समाचारों का खंडन किया है।
वेनेज़ुएला की सरकार ने एक बयान जारी करके विद्रोह में शामिल सैनिकों की गिरफ़्तारी की सूचना दी और कहा कि राजधानी सहित देश की स्थिति कंट्रोल में है।
रोइटर्ज़ की रिपोर्ट के अनुसार एक व्यक्ति ने जिसका नाम अर्मान्डो फ़िगरू गुट का मुखिया बताया, सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी करके आज के विद्रोह की ज़िम्मेदारी स्वीकार की और देश के राष्ट्रपति निकलोस मादूरो को अपदस्थ करने की मांग की थी।
वेनेज़ुएला के आंतरिक मीडिया सूत्रों ने विद्रोहियों की संख्या 40 बताई है। बताया जाता है कि इन लोगों ने राष्ट्रपति गारद की छावनी से हथियार चुराए और विद्रोह कर दिया।
अमरीकी सरकार ने पिछले दिनों आधिकारिक रूप से वेनेज़ुएला में राष्ट्रपति के रूप में विपक्षी नेता को स्वीकार करने की सूचना दी थी।
इससे पहले वेनेज़ुएला के विदेशमंत्रालय की ओर से जारी बयान में देश में विद्रोह के अमरीकी प्रयासों की निंदा करते हुए कहा गया था कि वाशिंग्टन के एजेन्ट लोकतंत्र पर हमला करने का प्रयास कर रहे हैं।
बयान के अनुसार एसे समय में कि जब राष्ट्रपति निकोलस मादूरू देश के भीतर वार्ता के एजेन्डे पर काम कर रहे हैं कि अमरीका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जाॅन बोल्टन वेनेज़ुएला में विद्रोह के षड्यंत्र को आगे बढ़ाने के विफल प्रयास में व्यस्त हैं।
वेनेज़ुएला के विदेशमंत्रालय के जारी बयान में काराकास के विरुद्ध अमरीका की ओर से लगाए गये प्रतिबंधों को अत्याचारपूर्ण और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा ख़तरा क़रार दिया गया है।
ज्ञात रहे कि वेनेज़ुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादूरू ने कुछ दिन पहले ही अपने दूसरे दौरे की शपथ उठाई है। इस अवसर पर अपने संबोधन में उन्होंने वेनेज़ुएला के आंतरिक मामलों में अमरीका के हस्तक्षेप की खुलकर निंदा की थी।