इराक के पूर्व प्रधानमंत्री नूरी मालेकी ने आतंकवादी गुट दाइश से लाभ उठाने हेतु अमेरिकी भूमिका और उसके समर्थन से पर्दा उठाया है।
अमेरिका से आतंकवादी गुट दाइश का संबंध कोई नया विषय नहीं है यहां तक कि कुछ अमेरिकी अधिकारियों ने स्पष्ट शब्दों में दाइश को बनाने में अमेरिकी भूमिका की ओर संकेत किया है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सबसे महत्वपूर्ण अमेरिकी राजनेता हैं जिन्होंने वर्ष 2016 में अपने चुनावी प्रचार के दौरान कहा था कि दाइश को ओबामा सरकार ने बनाया है।
इस बात में कोई संदेह नहीं है कि दाइश सहित आतंकवादी गुटों का अमेरिका से जो संबंध हैं उनके बहुत से आयाम पोशीदा हैं। इराक पर दाइश ने जो हमला किया था उसे इसी परिप्रेक्ष्य में देखा जा सकता है।
इसका सबसे महत्वपूर्ण पहलु यह है कि आतंकवादी गुट दाइश ने अमेरिकी समर्थन से ही इराकी भूमि के एक भाग का कब्ज़ा कर लिया था। अमेरिका प्रत्यक्ष रूप से दाइश का समर्थन नहीं कर रहा था बल्कि यह समर्थन परोक्ष था।
इराक के अतिग्रहण में अमेरिका दाइश का जो समर्थन कर रहा था उसका एक कारण यह था कि अमेरिका और उसके घटक अपने हितों को साधने में किसी प्रकार के प्रयास में संकोच से काम नहीं लेते हैं और जहां भी उन्हें ज़रूरत पड़ती है वे आतंकवादी गुटों का प्रयोग हथकंडे के रूप में करते हैं।
आतंकवादी गुट दाइश के गुप्त समर्थन के प्रति इराक के पूर्व प्रधानमंत्री नूरी मालेकी का रहस्योद्घाटन इस बात का सूचक है कि अमेरिका ने दाइश का समर्थन केवल शास्त्रिक और वित्तीय नहीं किया था बल्कि वाशिंग्टन ने उस देश का भी समर्थन नहीं किया जिस पर दाइश से हमला किया था।
रोचक बात यह है कि अमेरिका और इराक के बीच वर्ष 2008 में स्ट्रैटेजिक समझौते पर हस्ताक्षर भी हुए थे और इस समझौते के अनुसार खतरों व चुनौतियों के मुकाबले में अमेरिका को इराक का समर्थन करना चाहिये था पर अमेरिका ने इराक का समर्थन नहीं किया और इराक पर हमले के लिए उसने दाइश का समर्थन किया।
इराक के पूर्व प्रधानमंत्री नूरी मालेकी के उस बयान को इसी परिप्रेक्ष्य में देखा जा सकता है जिसमें उन्होंने कहा है कि अमेरिकी सरकार ने ओबामा के शासन काल में दाइश को इराक पर हमले के लिए उकसाया था।