(यह मक़ाला हज़रत आयतुल्लाह मिस्बाह यज़दी और "क़ुरआन और आईन ए नहजुल बलाग़ा ”से एक इन्तेख़ाब है)(1) क़ुरआने करीम की अहमियत व मौक़ेईयत:इस वक्त क़ुरआन करीम ही एक आसमानी किताब है ...
भारत की राजधानी दिल्ली में सऊदी अरब के वरिष्ठ शिया धर्मगुरू शहीद शेख़ बाक़िर निम्र के चालीसवें के कार्यक्रम के अवसर पर हज़ारों लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया।2 जनवरी 2016 को ...
मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि नाम का इंसान के व्यक्तित्व और व्यवहार पर गहरा प्रभाव पड़ता है और इससे इंसान के मन में ख़ुद अपने बारे में एक सोच पनपती है। यह एक ऐसा विषय है कि ...
हुसैन अलैहिस्सलाम की शहादत के बाद से मोहर्रम केवल एक महीने का नाम नहीं रह गया बल्कि यह एक दुखद घटना का नाम है, एक सिद्धांत का नाम है और सबसे बढ़कर सत्य व असत्य, अत्याचार तथा ...
नाम व लक़ब (उपाधि)हज़रत इमाम सादिक़ अलैहिस्सलाम का नाम जाफ़र व आपका मुख्य लक़ब सादिक़ है। माता पिताहज़रत इमाम सादिक़ अलैहिस्सलाम के पिता हज़रत इमाम हज़रत इमाम बाक़िर ...
अल्लामा इब्ने शहर आशोब लिखते हैं कि एक दिन हज़रत इमाम जाफ़र सादिक़ (अ) ने अपने एक नौकर को किसी काम से बाज़ार भेजा। जब उस की वापसी में बहुत देर विलंब हुआ तो आप उस की तलाश में ...
पैग़म्बरे इस्लाम फ़रमाते हैं कि जो किसी मोमिन को खुश करे उसने मुझे खुश किया और जिसने मुझे खुश किया उसने ईश्वर को खुश किया”
पैग़म्बरे इस्लाम का यह कथन और इस प्रकार की ...
हमने इमाम और इमामत की विशेषताओं के बारे में चर्चा की थी आज भी हम उसी विषय पर चर्चा जारी रखेंगे। कृपया हमारे साथ रहें।
पैग़म्बरे इस्लाम के जीवन का अंतिम समय था उस समय ...
लेखक: आयतुल्लाह हुसैन अनसारियान
किताब का नाम: पश्चताप दया की आलंगन
मैने कंजूसी की अवगुणता एंव शेष अशीष को हकदार को प्रदान नाकरने को एक अशिक्षित कृषक व्यक्ति से ग्रहण ...
हज़रत फ़ातिमा ज़हरा स. की फ़ज़ीलत व मरतबे को बयान करना इन्सान के बस में नहीं है। अगर कोई उनके मरतबे को देखना चाहता है तो उसे देखना चाहिए कि ख़ुदा और उसके रसूल की नज़र में आपका ...
हमने उद्देश्य के निर्धारण एवं जीवन में उद्देश्यों को प्राथमिकता के आधार पर सूचीबद्ध करने के बारे में बात की थी। इस चरण के बाद, महत्वपूर्ण समय शुरू होता है यानी लक्ष्य के ...
नाम आपका नामे नामी अली इब्ने हुसैन था। उपनाम आपका लक़ब अकबर था। माता पिता हज़रत अली अकबर अलैहिस्सलाम के पिता हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम व आपकी माता हज़रते ...
अगर आज हम अपनी दुनिया और आस-पास के वातावरण में देखें तो हर इंसान को कुछ न कुछ आवश्यकता होती है कुछ ज़रूरत होती है कभी किसी मुश्किल में घिरा होता है तो कभी परिवार की परेशानी ...
अगर आप इस लेख को आत्मा या रूह से सम्बंधित मान रहे हैं तो ऐसा हरगिज नहीं है।
चूंकि मेरे सभी लेख साइंस से ही सम्बंधित हैं इसलिये मैं ऐसी कोई बात नहीं करूंगा जो साइंस के दायरे ...
अम्र बिल मारूफ़ और नही अनिल मुन्कर इस्लामी क़वानीन में से दो अहम क़ानून और फ़ुरुए दीन में से हैं। क़ुरआने करीम और मासूम राहनुमाओं ने इस फ़रीज़े के बारे में काफ़ी ताकीद की ...
हमारा अक़ीदह है कि इंसान की अक़्ल बहुत सी चीज़ों के हुस्न व क़ुब्ह (अच्छाई व बुराई )को समझती है। और यह उस ताक़त की बरकत से है जो अल्लाह ने इंसान को अच्छे और बुरे में तमीज़ करने ...
अहमद बड़ी दुख की हालत में अपनी दादी के बारे में सोच रहा था। पुरानी यादों के साथ-साथ आँसुओं का एक सैलाब उसकी आँखों से जारी था। परदेस में दादी की मौत की ख़बर ने उसे हिला कर रख ...
ये महीना हुरमत वाले महीनो के शूरू होने का महीना है कि जिनका ज़िक्र परवरदिगार ने क़ुरआने करीम मे किया है।सैय्यद इब्ने ताऊस एक रिवायत नक़्ल करते है कि ज़ीक़ाद का महीना सख्त ...