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Tuesday 26th of November 2024
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हदीसे ग़दीर का तवातुर

हदीसे ग़दीर का तवातुर
हर वह अहम तारिख़ी वाक़ेया जिस में उम्मत के रहबर की बात हो और बहुत सी जमाअत के दरमियान वह वाक़ेया पेश आया हो, इस बात का तक़ाज़ा करता है कि वह मुतवातिर हो, मख़्सूसन अगर इस ...

रसूले अकरम की इकलौती बेटी

रसूले अकरम की इकलौती बेटी
मुनाक़िब इब्ने शहर आशोब में है कि जनाबे ख़दीजा के साथ जब आं हज़रत (स.अ.व.व) की शादी हुई तो आप बाकरह थीं। यह तसलीम शुदा अमर है कि क़ासिम अब्दुल्ला यानी तैय्यब व ताहिर और फातेमा ...

ब्रह्मांड 4

ब्रह्मांड 4
पुस्तक का नामः दुआए कुमैल का वर्णन लेखकः आयतुल्लाह अनसारीयान   हमने इसके पूर्व लेख मे इस बात की व्याख्या की थी कि इस आकाश को उसने सितारो से इस प्रकार सजाया कि करोड़ो कण एवं ...

नौहा

नौहा
तुरबते बेशीर पर कहती थी माँ असग़र उठो कब तलक तन्हाई में सोओगे ऐ दिलबर उठो है अंधेरा घर में नज़रों में जहाँ तारीक है कब तलक पिन्हाँ रहोगे ए महे अनवर उठो हम सबों को कै़द करके ...

हज़रत फातिमा मासूमा (अ)

हज़रत फातिमा मासूमा (अ)
हज़रत मासूमा का पहली जिल्क़ादा साल 173 हिजरी मे मदीने मे जन्म हुआ.कुरान समाचार (iqna)  इस्फहान शाखा के मुताबिक़ मासूमा ने 1 ज़िल्कादा साल 173 हिजरी मदीने मे आँख खोली,और 10 ...

बीस मोहर्रम के वाक़ेआत

बीस मोहर्रम के वाक़ेआत
हज़रत जौन का दफ़्न किया जाना सोमवार बीस मोहर्रम सल 61 हिजरी आशूर के दस दिन के बाद बनी असद के कुछ लोगों ने हज़रत अबूज़र ग़फ़्फ़ारी के दास हज़रत जौन के पवित्र शरीर को देखा इस ...

नौहा

नौहा
तुरबते बेशीर पर कहती थी माँ असग़र उठोकब तलक तन्हाई में सोओगे ऐ दिलबर उठोहै अंधेरा घर में नज़रों में जहाँ तारीक हैकब तलक पिन्हाँ रहोगे ए महे अनवर उठोहम सबों को कै़द करके ...

ईश्वरीय दूतों का वियोग

ईश्वरीय दूतों का वियोग
ईश्वरीय दूतों का एक महत्वपूर्ण दायित्व अज्ञानता, अधर्मिता, अंध विश्वास के विरुद्ध संघर्ष और अन्याय, अत्याचार एवं मानवाधिकारों के हनन के विरुद्ध आंदोलन छेड़ना था। अंतिम ...

अक़्ल और अख़लाक

अक़्ल और अख़लाक
अक़्ल और अख़लाक पैग़म्बरे इस्लाम (स.) ने फ़रमायाः احسنكم عقلا احسنكم خلقا तुम में सबसे ज़्यादा अक़्लमंद वह है जो तुम में सबसे ज़्यादा खुश अख़लाक़ है। अक़्ल व खुश अखलाक़ी और इन ...

हज़रत इमाम नक़ी (अ.स.) की इमामत

हज़रत इमाम नक़ी (अ.स.) की इमामत
हज़रत इमाम नक़ी (अ.स.) की इमामत    Email 1 सारे वोट 5.0 / 5लेख ›रसुले अकरम व अहले बैत ›इमामे अली नक़ी(अ)    में प्रकाशित    2017-04-03 00:00:00लेखक:    मौलाना नजमुल हसन कर्रारवी ...

हज और इस्लामी जागरूकता

हज और इस्लामी जागरूकता
मक्का जाने के लिए ईश्वर की ओर से लोगों को हज के आम निमंत्रण की घोषणा, जिसे व्यवहारिक बनाने के लिए लोग पैदल और सवारी से, दूर और निकट के मार्गों से, हर प्रकार की कठिनाइयों को सहन ...

हज़रत फ़ातेमा ज़हरा(स) के फ़ज़ायल

हज़रत फ़ातेमा ज़हरा(स) के फ़ज़ायल
हज़रत फ़ातेमा ज़ेहरा (स) और मवद्दतहज़रत फ़ातेमा ज़ेहरा(स) उन हज़रात में से हैं जिनकी मवद्दत और मुहब्बत तमाम मुसलमानों पर वाजिब की गई है जैसा कि ख़ुदा वंदे आलम ने फ़रमाया:आयत ...

हज़रत फ़ातेमा ज़हरा उम्महातुल मोमिनीन की नज़र में

हज़रत फ़ातेमा ज़हरा उम्महातुल मोमिनीन की नज़र में
ख़ुदावन्दे आलम ने बज़्मे इंसानी के अंदर हज़रत मुहम्मद मुस्तफ़ा सल्लल्लाहो अलैहे व आलेही वसल्लम से बेहतर किसी को ख़ल्क नहीं फरमाया। आप सल्लल्लाहो अलैहे व आलेही वसल्लम ...

सूरए हिज्र की तफसीर 1

सूरए हिज्र की तफसीर 1
क़ुराने मजीद के 15वें सूरे ‘हिज्र’ है। इस सूरे में 99 आयतें हैं। यह हिजरत से पूर्व मक्के में नाज़िल हुआ था।इस सूरे का नाम आयत क्रमाक 80 में असहाबे हिज्र अर्थात हज़रत सालेह ...

एहसान

एहसान
एहसान इंसानी समाज में बहुत कॉमन लफ़्ज़ है। एर ग़ैर मुस्लिम भी एहसान को अच्छी तरह जानता है। बस फ़र्क़ यह है कि जो एहसान का लफ़्ज़ हमारे समाज में इस्तेमाल होता है वह क़ुरआन ...

हज,इस्लाम की पहचान

हज,इस्लाम की पहचान
    जिस तरह से ईश्वरीय धर्म इस्लाम ने मनुष्य के आत्मिक और आध्यात्मिक आदि पहलुओं पर भरपूर ध्यान दिया है, हज में इस व्यापकता को स्पष्ट रूप से देखा जा सकता हैजिस तरह से ...

इमाम नक़ी अलैहिस्सलाम के कुछ मार्ग दर्शक कथन

इमाम नक़ी अलैहिस्सलाम के कुछ मार्ग दर्शक कथन
यहाँ पर अपने प्रियः अध्ययन कर्ताओं के लिए हज़रत इमाम नक़ी अलैहिस्सलाम के कुछ मार्ग दर्शक कथन प्रस्सतुत किये जारहे हैं।1- सुरक्षित रहोहज़रत इमाम नक़ी अलैहिस्सलाम ने कहा ...

जौशन सग़ीर का तर्जमा

जौशन सग़ीर का तर्जमा
कुछ ख़ास मोअतबर किताबों में दुआए जौशन सग़ीर का ज़िक्र जौशन कबीर से ज़्यादा शरह के साथ आया है. कफ़'अमी ने किताब "बलदुल अमीन" के हाशिये में फ़रमाया है कीयह बहु बुलंद मर्तबा और बड़ी ...

वुज़ू के वक़्त की दुआऐ

वुज़ू के वक़्त की दुआऐ
वह दुआएं जिनका वुज़ू के वक़्त पढ़ना मुस्तहब है। 270 वुज़ू करने वाले इंसान की नज़र जब पानी पर पड़े तो यह दुआ पढ़े- बिस्मिल्लाहि व बिल्लाहि व अलहम्दु लिल्लाहि अल्लज़ी जअला अल ...

हज़रत इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम के चरित्र के कुछ पहलू।

हज़रत इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम के चरित्र के कुछ पहलू।
नेअमत का शुक्रमुआविया बिन वहब कहते हैं: मैं मदीना में हज़रत इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम के साथ था, आप अपनी सवारी पर सवार थे, अचानक सवारी से उतर गए, हम बाजार जाने का इरादा ...