अल्लाह के पवित्र कुरआन मजीद, और प्रसिद्ध ग्रंथ एक ज्ञान व हुनर, फ़िक्री व अक़ली, मददी व मानबी के व्यतीत एक आसमानी मोज़ेज़ा भी है, क्योंकी कुरआन मजीद बूलन्द ध्वनी के साथ ...
क़यामत में उठाये जाने के बाद कुफ़्फ़ार व मुनाफ़ेक़ीन और गुनाह गार जहन्नम में जायेगें। जहन्नम के अज़ाब और मुसीबतों का मुक़ाबला दुनिया की मुसीबतों से नही किया जा ...
हज़रत अली अलैहिस्सलाम अपने बेटे इमाम हसन अलैहिस्सलाम से वसीयत में कहते हैं, “ जीवन में अत्यंत कोशिश करो क्योंकि जो व्यक्ति किसी चीज़ की प्राप्ति के लिए कोशिश करता है तो ...
ऐ गमो अन्दोह मे मेरी पनाहगाह या मफज़ई इन्दा कुरबती يَا مَفْزَعِي عِنْدَ كُرْبَتِيऐ मुश्किलो मे मेरी मदद करने वाले या ग़ौसी इन्दा शिद्दती وَ يَا غَوْثِي عِنْدَ ...
आशूरा के वाक़ेया ने इंक़ेलाब बरपा कर दिया, ग़फ़लत की नींद में पड़े हुए लापरवाह लोगों को बेदार कर दिया, मुर्दा ज़मीर इंसानों को ज़िन्दा कर दिया, मज़लूमियत और इँसानियत की ...
समकालीन विश्व में ईरान की इस्लामी क्रान्ति के स्थान और इमाम ख़ुमैनी के प्रभाव के दृष्टिगत, उनकी आध्यात्मिक विशेषताओं, उनके व्यक्तित्व के आयामों तथा उनके धार्मिक व ...
ये महीना हुरमत वाले महीनो के शूरू होने का महीना है कि जिनका ज़िक्र परवरदिगार ने क़ुरआने करीम मे किया है।सैय्यद इब्ने ताऊस एक रिवायत नक़्ल करते है कि ज़ीक़ाद का महीना सख्त ...
हज़रत इमाम हुसैन (अस) ने सन् (61) हिजरी में यज़ीद के विरूद्ध आंदोलन किया। उन्होने अपने आंदोलन के उद्देश्यों को इस तरह बयान किया है किः
1. जब हुकूमती यातनाओं से तंग आकर हज़रत ...
इमाम हुसैन (अ) का दूध पीता बच्चा अब्दुल्लाह बिन हुसैन जो कि अली असग़र के नाम से प्रसिद्ध है उनकी माँ का नाम रबाब था जो कि इमरउल क़ैस बिन अदी बिन औस बिन जाबिर बिन कअब बिन अलीम ...
हमारा मानना है कि क़ुरआने करीम के अलफ़ाज़ को उनके लुग़वी व उर्फ़ी मअना में ही इस्तेमाल किया जाये,जब तक आयत में अलफ़ाज़ के दूसरे मअना में इस्तेमाल होने का कोई अक़्ली या ...
हमारे पाठकों ने हमसे हज़रत फ़ातेमा ज़हरा (स) और फ़िदक के बारे बहुत से प्रश्न किए हैं जैसे कि फ़िदक का वास्तविक्ता क्या है? और क्या फ़िदक के बारे में सुन्नियों की किताबों में ...
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीमतजवीद के मअना बेहतर और ख़ूबसूरत बनाना है। तजवीद उस इल्म का नाम है जिससे क़ुरआने मजीद के अलफ़ाज़ व हुरूफ़ की बेहतर से बेहतर अदाएगी और आयात व ...
कुरआने मजीद के पांचवें सूरे का नाम माएदा है। माएदा का अर्थ दस्तरखान होता है और चूंकि इस सूरे में उस घटना का वर्णन है जिसमें हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम ने ईश्वरीय भोजन और ...
मनुष्य को बनाने वाले ईश्वर ने उसको जो भी आदेश दिये हैं वे निश्चित रूप से मनुष्य के ही हित में होते हैं चाहे विदित रूप से उसमें हमें अपना कोई नुक़सान नज़र आए। रमज़ान के रोज़े ...
अहलेबैत (अ) के पवित्र और मासूम ख़ानदान में इंसानी गुणों और रोल माडल की तलाश विशेषकर पवित्र महिलाओं की जीवनी हर सच्चे और न्यायप्रिय व्यक्ति के लिये एक पाठ है। इस ख़ानदान की ...
इक़्तेसादी दुनिया में मालीयात की तन्ज़ीम के दो मरहले होते हैं। एक मरहला पैदावार का होता है और दूसरा सरवत की तक़सीम का और आम तौर से इक़्तेसादी निज़ाम तक़सीम के बारे में बहस ...
पवित्र क़ुरआन के एक सूरे का नाम निसा है जिसका अर्थ होता है महिलाएं। इस सूरे के इस नामंकन का एक कारण यह है कि इसमें महिलाओं के अधिकारों और उनसे संबंधित मामलों का उल्लेख किया ...
आमपौर पर (अधिकतर) हमारी ज़बानों से एक वाक्य सुनने को मिलता है रवासिमे अज़ा (रीतियाँ) मरासिमे अज़ा (प्रथाऐं) जिसका अर्थ हर वह कार्य होता है जिसका सम्बन्ध अज़ादारी से हो।
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हज़रत ज़ैनब सलामुल्लाह अलैहा का जीवन तथा उनका व्यक्तित्व विभिन्न आयामों से समीक्षा योग्य है। पैग़म्बरे इस्लाम सल्लल्लाहो अलैहे व आलेही व सल्लम, हज़रत अली अलैहिस्सलाम ...
आज रमज़ान की १९ तारीख़ है। वही तारीख़ जब वर्ष ४० हिजरी क़मरी में सुबह की नमाज़ पढ़ते समय ईश्वर के महान साहसी एवं न्यायी दास के सिर पर मानव समाज के अत्यंत तुच्छ व्यक्ति की ...