रिवायात की छानबीनक़ारिये मोहतरम, अब हम यहाँ पर आयते बल्लिग़ की तफ़सीर में हज़रत अली (अ) की शान में फ़रीक़ैन के तरीक़ों से बयान होने वाली रिवायात की तरफ़ इशारा करते हैं:1. अबू ...
या मौहम्दा सल्ला अलैका मलाएकातुस् समा व हाज़ल हुसैनो मुरम्मेलुम बिद्देमा। मुक़त्तेउल आज़ा व बिनातोका सबाता।रावी कहता है खुदा की क़सम मैं हज़रत ज़ैनब के वो बैन फरामोश ...
एक कमज़ोर औरत पानी से भरी मश्क बड़ी मुश्किल से ले जा रही थी। रास्ते में उसे एक आदमी मिला उसनें औरत से पानी की मश्क ली और उसके घर का पता पूछ कर आगे आगे चलने लगा। छोटे छोटे बच्चे ...
यह जिलहिज का महीना है। यह महीना, मक्का में लाखों तीर्थयात्रियों के एकत्रित होने का काल है जिसमें वे सुन्दर एवं अद्वितीय उपासना हज के संसकार पूरे करते हैं...........
यह जिलहिज का ...
तौहीद का अक़ीदा सिर्फ़ मुसलमानों के ज़हन व फ़िक्र पर असर अंदाज़ नही होता बल्कि यह अक़ीदा उसके तमाम हालात शरायत और पहलुओं पर असर डालता है। ख़ुदा कौन है? कैसा है? और उसकी ...
एक नसरानी बूढ़े ने ज़िन्दगी भर मेहनत करके ज़हमतें उठाईं लेकिन ज़ख़ीरे के तौर पर कुछ भी जमा न कर सका, आख़िर में नाबीना भी हो गया। बूढ़ापा, नाबीनाई, और मुफ़लिसी सब एक साथ जमा हो ...
इमाम अली अ.स. ने यह जानते हुए कि पैग़म्बर स.अ. की वफ़ात के बाद ख़िलाफ़त, इमामत और रहबरी मेरा हक़ है और मुझ से मेरे इस हक़ के छीनने वाले ज़ुल्म कर रहे हैं (शरहे नहजुल-बलाग़ा, ...
पुस्तक का नामः कुमैल की प्रार्थना का वर्णन
लेखकः आयतुल्लाह हुसैन अंसारीयान
ईश्वर की शक्ति की कोई सीमा नही है[1] और आकाश एंव पृथ्वी मे विभिन्न प्रकार के प्राणीयो का जन्म ...
अबनाः हज़रत ज़ैनब सलामुल्लाह अलैहा हज़रत इमाम अली अ. और हज़रत ज़हरा स. की बेटी हैं जो सन 5 या 6 हिजरी को मदीना में पैदा हुईं। आप इमाम हुसैन अ. के साथ कर्बला में मौजूद थीं और 10 ...
हर धर्म के मानने वालों में आपस में भी बहुत से विषयों पे मतभेद हुआ करता है | इस्लाम के माने वालों में भी ऐसे कई मतभेद है जिसका फायदा लोग उठा के उनमे आपस में टकराव पैदा कर दिया ...
रोज़े के लिए इस्लामी शिक्षाओं में आया है कि अल्लाह ने कहा है कि मेरे दास हर उपासना अपने लिए भी करते हैं किंतु रोज़ा केवल मेरे लिए होता है और मैं ही उस का इनाम दूंगा।
वास्तव ...
लेखक: आयतुल्लाह हुसैन अनसारियान
किताब का नाम: तोबा आग़ोशे रहमत
किसी भी सकारात्मक परिश्रम के गुज़र बसर के लिए परमेश्वर की बंदगी और आराधना होने मे कोई संदेह नही है; क्यो ...
उसूले दीन में अद्ल को तौहीद के बाद शुमार किया जाता है। अद्ल से मुराद यह है कि अल्लाह आदिल (इंसाफ़ वाला) है और किसी पर ज़ुल्म नही करता। ख़ुदा वंदे आलम अद्ल, नबुव्वत, इमामत, ...
चूँकि हज़रत इमाम महदी (अज्जल अल्लाहु तआला फरजहु शरीफ) का जन्म बहुत ही गुप्त रूप से हुआ था, इस वजह से यह डर था कि शिया आखरी इमाम की पहचान में ग़लत फ़हमी या भटकाव का शिकार हो ...
हज़रत ज़ैनब के शुभ जन्म दिवस के अवसर पर विशेष चर्चा।महापुरूषों के जीवन की समीक्षा करना और उनको आदर्श बनाने जैसी बातें आत्मशुद्धि और उचित प्रशिक्षण के महत्वपूर्ण कारक ...
अपने प्रियः अध्ययन कर्ताओं के लिए हज़रत इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलाम के कुछ मार्ग दर्शक कथन प्रस्तुत किये जारहे हैं।1- अल्लाहहज़रत इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलाम ने कहा कि ...
इलाही पैग़म्बरों ने दीन के नेहाल की सिंचाई की क्योंकि उन्हें इंसानी समाजों में भलाई फैलाने की ज़िम्मेदारी सौंपी गई थी। उनका उद्देश्य समाज में तौहीद को फैलाना, अद्ल व ...
بنی الاسلام علی خمس : الصلوة و الزکوة و الصوم و الحج و الولایة इमाम बाक़िर अ. फ़रमाते हैंः इस्लाम का आधार पाँच चीजों पर रखा गया है: नमाज़, ज़कात, रोज़ा, हज और विलायत।
अबनाः भारत और ईरान सहित पूरी दुनिया में ईदे मीलादुन्नबी (स) का जश्न और एकता सप्ताह बड़ी शान के साथ मनाया जा रहा है।12 रबीउल अव्वल की मुबारक तारीख के हिसाब से ईरान के विभिन्न ...
ये वाकिआ 63 हिजरी के ज़िलहिज्जा के महीने मे पेश आया (1)और वाकेआ ऐ हुर्रा के नाम से मशहूर हुआ।(2) करबला के खूनी वाकेऐ के बाद लोग यज़ीद की खबासत और बेदीनी को जान गऐ थे इसलिऐ लोगो ...