इक फ़क़्र सिखाता है सय्याद को नख़्चीरी
इक फ़क़्र से खुलते हैं असरार-ए-जहाँगीरी
इक फ़क़्र से क़ौमों में मिस्कीनी-ओ-दिलगीरी
इक फ़क़्र से मिटटी में खासीयत-ए-अक्सीरी
इक फ़क़्र है शब्बीरी ...
चार शाबान एसे महान व्यक्ति का शुभ जन्म दिवस है जिसका नाम इतिहास में निष्ठा और त्याग का पर्याय बन चुका है।शाबान महीने की चार तारीख़ को हज़रत अली अलैहिस्सलाम के सुपुत्र ...
ईरान के शहरों में क़ुम शहर को विशेष महत्व हासिल है और ईरान में ऐसे शहर कम हैं जिनमें क़ुम के जितना धार्मिक व प्रभावशाली आकर्षण हों क्योंकि इस शहर में जहाँ एक ओर पैग़म्बरे ...
हम कहाँ से आये है? हमारे आने का मक़सद क्या है? हम कहाँ जा रहे हैं? हमारा अंजाम क्या होगा? हमारी सआदत व ख़ुश बख़्ती किय चीज़ में है? उसे किस तरह हासिल किया जा सकता है?यह और इस तरह ...
अली (अ) तारीख़ की वह बे मिसाल ज़ात है जिसने सदियों से साहिबाने फ़िक्र को अपनी तरफ़ मुतवज्जेह कर रखा है तारीख़ के तसलसुल में दुनिया की अज़ीम हस्तियां आप के गिर्द तवाफ़ करती ...
हमारे पाठकों ने हमसे हज़रत फ़ातेमा ज़हरा (स) और फ़िदक के बारे बहुत से प्रश्न किए हैं जैसे कि फ़िदक का वास्तविक्ता क्या है? और क्या फ़िदक के बारे में सुन्नियों की किताबों में ...
पुस्तक का नामः कुमैल की प्रार्थना का वर्णन
लेखकः आयतुल्लाह अनसारियान
शब्द कोण मे रहमान का अंश रहमत है, नहवी और सरफी महान ज्ञानियो तथा शब्द कोण से अवगत मनुष्य के अनुसार ...
अभी के अभी हुसैन दे दे जो रन की रज़ा अभी के अभी.......यज़ीद कर दूँ तेरा फेँसला अभी के अभी...... अली का शेर हूँ, अब्बास नाम है मेराचलेगी साथ मेरे अल्कमा अभी के अभी...... तपिश ...
एक बार इमाम सादिक़ अलैहिस्सलाम मंसूर दवांक़ी के दरबार मे गऐ। वहा एक हिन्दुस्तानी हकीम बाते कर रहा था और इमाम बैठ कर उसकी बाते सुनने लगे आखिर मे उस हिन्दुस्तानी हकीम ने ...
दसवीं मुहर्रम को इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम ने युद्ध के समय भी सोई अंतरात्माओं को जगाने का प्रयास किया। उन्होंने ईश्वरीय मार्गदर्शक होने के अपने कर्तव्य की उस दशा में भी ...
हमारा अक़ीदा है कि क़ुरआने करीम पैग़म्बरे इस्लाम (स.) का सब से बड़ा मोजज़ा है और यह फ़क़त फ़साहत व बलाग़त, शीरीन बयान और मअनी के रसा होने के एतबार से ही नही बल्कि और ...
यूँ तो ख़िलक़ते आलम व आदम से लेकर आज तक इस रुए ज़मीन पर हमेशा नित नये हवादिस व वक़ायए रुनुमा होते रहे हैं और चश्मे फ़लक भी इस बात पर गवाह है कि उन हवादिस में बहुत से ऐसे हादसे ...
इमाम अली नक़ी (अ.) ने इस्लामी अहकाम के प्रसारण व प्रकाशन और जाफ़री मज़हब के प्रचार के लिए महत्वपूर्ण क़दम उठाये। और हमेशा लोगों को धार्मिक तथ्यों से अवगत करने में ...
1) इमाम अली रज़ा (अ.स) की शहादत के बाद मुखतलिफ शहरो से 80 ओलामा और दानिशमंद हज करने के लिये मक्का रवाना हुए। वो सफर के दौरान मदीना भी गए , ताकि इमाम मौहम्मद तक़ी (अ.स) की ज़ियारत भी ...
पालने वाले हमें सब्र अता फ़रमा। (सूरः ए बक़रा आयत 250) ख़ुदावंदे आलम ने क़ुरआने मजीद में इस नुक्ते की दो बार तकरार की है कि ان مع العسر يسریआराम व सुकून दुशवारी व सख़्ती के साथ है। ...
यहां पर हज़रत फ़ातिमा ज़हरा (स.) की वह अहादीस (प्रवचन) जो एक इश्वरवाद, धर्मज्ञान व लज्जा आदि के संदेशो पर आधारित हैं उनमे से मात्र चालिस कथनो का चुनाव करके अपने प्रियः अध्ययन ...
अहलेबैत (अ )न्यूज़ एजेंसी अबना :प्राप्त सूत्रों के अनुसार इराक़ के पवित्र शहर कर्बला ए मोअल्ला में सैय्यदुश्शोहदा हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम और आपके साथियों का चेहलुम ...
पुस्तकः कुमैल की प्रार्थना का वर्णन
लेखकः आयतुल्ला अनसारीयान
इसके पूर्व लेख मे हमने प्रश्न का वर्णन किया था कि जब प्रत्येक सेकंण्ड मे विषयली कार्बन की मात्रा बढ़ती ही ...
रमज़ान का महीना पवित्र कुरआन के नाज़िल होने का महीना है। रमज़ान का महीना पवित्र कुरआन से प्रेम करने और उसकी बसंत का महीना है। पवित्र कुरआन से वैचारिक और व्यवहारिक लाभ ...