आपकी ग़ैबत की दो हैसियतें थीं। एक सुग़रा और दूसरी कुबरा। ग़ैबते सुग़रा की मुद्दत 69 साल थी। उसके बाद ग़ैबते कुबरा शुरू हो गई। ग़ैबते सुग़रा केज़माने में आपका एक नायबे ख़ास ...
इस दुनिया में ख़ुदा का पहला घर ख़ान ए काबा है। तारीख़े अतीक़ भी इस बात की गवाह है कि इससे क़ब्ल कोई एक भी ऐसी इबादत गाह कायनात में मौजूद नही थी जिसे ख़ुदा का घर कहा गया हो। इस ...
अरबी भाषा में शफाअत के शब्द को आम तौर पर इस अर्थ में प्रयोग किया जाता हैं कि प्रतिष्ठित व्यक्ति, किसी सम्मानीय व बड़े आदमी से किसी अपराधी को क्षमा कर देने की अपील करे या किसी ...
आस्ट्रेलिया की नागरिक ज़ैनब टेलर इस्लाम धर्म के वैभव के समक्ष नतमस्तक हो गयीं और धर्म की उच्च शिक्षाओं से लाभान्वित हो रही है। उन्होंने जून वर्ष 2005 में हज़रत फ़ातेमा के ...
देता हूँ दोस्तों तुम्हें दावत नमाज़ कीतकदीर वाले पाते हैं दौलत नमाज़ कीजिस घर के लोग करते हैं इज्ज़त नमाज़ कीउस घर में पाइ जाती है बरकत नमाज़ कीदोनों जहां में रहता है वो आन शान ...
हर समाज और हर व्यक्ति की जीवन शैली, उस व्यक्ति में पायी जाने वाली आस्थाओं या उस समाज में प्रचलित विचारधाराओं से प्रभावित होती है। भौतिक विचारधाराएं तथा आनंददायक व ...
मायदा-32कुरआन कहता है कि अगर कोई किसी को जुर्म किये बिना क़त्ल कर दे तो ऐसा ही है से इसने सभी को क़त्ल कर दिया हो और अगर कोई ज़िन्दा करदे तो ऐसा ही है जैसे उसने सभी को ज़िन्दा कर ...
किताब कामिलुज़ ज़ियारत (शियों की एक मोतबर किताब) में ज़िक्र हुआ है कि जो लोग भी इमाम हुसैन (अ) के क़त्ल में शरीक थे, इन तीन बीमारियों में से एक में ज़रूर फँसेंगें, दीवानगी, बर्स ...
ईश्वर का एक महत्वपूर्ण गुण ईश्वर होना है। ईश्वर की ईश्वरीयता के बारे बहुत कुछ कहा जा चुका है और बहुत कुछ कहा जा सकता है किंतु यहां पर हम यही स्पष्ट करना चाहेंगे कि अरबी भाषा ...
मानव इतिहास के विभिन्न चरणों में विभिन्न क्षेत्रों में दक्ष बुद्धिजीवी सामने आये जिन्होंने अन्य लोगों के कल्याण की मशाल प्रज्वलित की। लोगों के सबसे बड़े मार्गदर्शक ...
नाम व अलक़ब(उपाधियां)हज़रत इमाम तक़ी अलैहिस्सलाम का नाम मुहम्मद व आपकी मुख्य उपाधियाँ तक़ी व जवाद है।जन्म व जन्म स्थानहज़रत इमाम तक़ी अलैहिस्सलाम का जन्म सन् 195 हिजरी ...
तारीख़ के सफ़हात पर ऐसे सरफ़रोशों की कमी नहीं जिन के जिस्म को तो वक्त के ज़ालिमों और जल्लादों ने क़ैदी तो कर दिया लेकिन उन की अज़ीम रुह, उन के ज़मीर को वह क़ैदी बनाने से आजिज़ ...
मोहर्रम का दुखद: महीना वह महीना है जिसमें ख़ून ने तलवार पर विजय प्राप्त की। यह महीना पैग़म्बरे इस्लाम के प्राण प्रिय पौत्र हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के एतिहासिक ...
नाम व अलक़ाब (उपाधियाँ)हज़रत इमाम अस्करी अलैहिस्सलाम का नाम हसन व आपकी मुख्य उपाधि अस्करी है।जन्म व जन्म स्थानहज़रत इमाम अस्करी अलैहिस्सलाम का जन्म सन् 232 हिजरी क़मरी मे ...
मानवता के इतिहास में कोई ऐसी किताब नही मिलती जिसकी रक्षा और व्याख्या के लिए क़ुरआन के समान अत्याधिक प्रबन्ध किये गये होँ।क़ुरआन और उलूमे क़ुरआन के परिचय के लिए इस्लाम के ...
पवित्र रमज़ान भाग-3रमज़ान के इस पवित्र महीने में आइए हम क़ुरआन के सूरे हम्द की छठी और सूरए बक़रह की आयत संख्या २८६ के शब्दों में ईश्वर से दुआ करें-हे ईश्वर सीधे मार्ग पर ...
तक़लीद अगरचे बाज़ मका़मात पर सही और क़ाबिले तारीफ़ है जैसे शरई मसायल में जाहिल का किसी आलिम की तक़लीद करना, लेकिन यही तक़लीद बाज़ दूसरे मवाक़े पर सही नही है जिसकी शरीयत और ...
पैग़म्बरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद मुसतफ़ा सल्लल्लाहो अलैहे व आलेही वसल्लम ने मदीने में दाख़िल होने के बाद सब से पहले जो बेसिक क़दम उठाए उनमें एक अहम काम यह भी था कि ...
वह रंज और ज़हमते जो सालिके मोमिन अहयाए दीने ख़ुदा और मकतबे अहले बैत अलैहिमुस्सलाम में बर्दाश्त करता है इस से उसके अन्दर जहाँ ज़रफ़ियत का इज़ाफ़ा होता है वहीँ दुनिया से ...