इस दुनिया में ख़ुदा का पहला घर ख़ान ए काबा है। तारीख़े अतीक़ भी इस बात की गवाह है कि इससे क़ब्ल कोई एक भी ऐसी इबादत गाह कायनात में मौजूद नही थी जिसे ख़ुदा का घर कहा गया हो। इस ...
बिस्मिल्लाह हिर्रहमानिर्हीमहज़रत अली अ0 की वसीयतजब आप पर इबने मुल्जिम ज़रबत लगा चुका तो आपने इमाम हसन अ0 और इमाम हुसैन अ0 से फ़रमायाः• मैं तुम दोनो को वसीयत करता हूँ कि ...
ज़ीक़ादा का अन्तिम दिन पैग़म्बरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद मुस्तफ़ा सल्लल्लाहो अलैहे व आलेही वसल्लम के पौत्र इमाम जवाद की शहादत का दिन है। सन 220 हिजरी क़मरी को आज ही के दिन ...
हज़रत फ़ातेमा ज़ेहरा (स) और मवद्दतहज़रत फ़ातेमा ज़ेहरा(स) उन हज़रात में से हैं जिनकी मवद्दत और मुहब्बत तमाम मुसलमानों पर वाजिब की गई है जैसा कि ख़ुदा वंदे आलम ने फ़रमाया:आयत ...
हमने आवश्यक लक्ष्य, कार्यक्रम और समय को सही ढंग से व्यवस्थित करने के बारे में बताया था। इन सिद्धांतों के पालन से हम अपनी जीवन शैली को सही दिशा दे सकते हैं और यह जीवन में ...
अबनाः कर्बला में इमाम हुसैन अ.स. की शहादत के बाद दीन और दीनदारों की सारी ज़िम्मेदारी इमाम सज्जाद अ.स. पर थी, और आप के लिए बहुत ही कठिन था कि एक तरफ़ बाप और भाइयों की लाशें थीं तो ...
पुस्तक का नामः कुमैल की प्रार्थना का वर्णन
लेखकः आयतुल्ला हुसैन अंसारीयान
इन हवाओ की शक्ति इतनी अधिक होती है कि ख़ज़र सागर के पानी को इतना ऊपर ले जाती है कि अधिकांश नौका ...
पैग़म्बरे इस्लाम सल्लल्लाहो अलैही व आलेही व सल्लम ने कहा है कि ईश्वर के निकट दो बूंदों से अधिक किसी अन्य वस्तु का महत्व नहीं हैःआंसू की वह बूंद जो ईश्वर से भय के कारण आंख से ...
पुस्तक का नामः दुआए कुमैल का वर्णन
लेखकः आयतुल्ला हुसैन अंसारीयान
इस लेख से पहले वाले लेख मे हमने यह बयान किया था कि जब जिब्राईल ने जमीन पर आकर उस व्यक्ति को उसके नाम की ...
र्इश्वरीय दूत मनुष्य की वास्तविक परिपूर्णता के लिए उसे सही मार्ग दिखाने और र्इश्वरीय संदेश प्राप्त करने और उसे लोगो तक पहुँचाने के अतिरिक्त मनुष्य की परिपूर्णता की ...
हमारा अक़ीदह है कि इंसान की अक़्ल बहुत सी चीज़ों के हुस्न व क़ुब्ह (अच्छाई व बुराई )को समझती है। और यह उस ताक़त की बरकत से है जो अल्लाह ने इंसान को अच्छे और बुरे में तमीज़ करने ...
लेखक: आयतुल्लाह हुसैन अनसारियान
किताब का नाम: पश्चताप दया की आलंगन
जिस पवित्रता और स्वच्छता का आदेश ईश्वर ने दिया है वह सामान्य रूप से ग़ुस्ल[1] और तयम्मुम[2] के आसार से भी ...
(1739) महीने की पहली तारीख़ निम्न लिखित चार चीज़ों से साबित होती हैः(1) इंसान खुद चाँद देखे।(2) एक ऐसा गिरोह जिस के कहने पर यक़ीन या इतमिनान हो जाये यह कहे कि हमनेचाँद देखा है और इस ...
दुनिया के तक़रीबन तमाम मकातिबे फ़िक्र में इंसाने कामिल का तसव्वुर पाया जाता है और सबने ज़माने क़दीम से लेकर आज तक इस मौज़ू के बारे में बहस की है फ़लसफ़ी मकातिब हों या ...
(यह मक़ाला हज़रत आयतुल्लाह मिस्बाह यज़दी और "क़ुरआन और आईन ए नहजुल बलाग़ा ”से एक इन्तेख़ाब है)(1) क़ुरआने करीम की अहमियत व मौक़ेईयत:इस वक्त क़ुरआन करीम ही एक आसमानी किताब है ...
हजरत इमाम ख़ुमैनी कहते हैं.बीबी फ़ातिमा मानव जीवन और इस दुनिया के लिऐ गर्व और गौरव है।
आप ऐसी लेडी हैं जो ख़ानदाने वहि के लिऐ गर्व और सम्मान का कारण हैं सूरज की तरह इस्लामी ...
एक क्षण के लिए आप अपनी आंखों को बंद करें और अपने मन में एक सुन्दर और मनोरम दृश्य कल्पना करें। उदाहरण स्वरूप हरा भरा बाग़, ऊंचे ऊंचे पर्वत और झर झर करते प्रकृति के आंचल में ...
अ'दीला मौत से मुराद, मौत के वक़्त हक़ से बातिल की तरफ़ फिर जाना है, यानी जाँ-कुनी (मौत) के वक़्त शैतान शक में डाल कर गुमराह कर देता है और यू इंसान ईमान छोड़ बैठता है!यही वजह है की ...
रिवायात की छानबीनक़ारिये मोहतरम, अब हम यहाँ पर आयते बल्लिग़ की तफ़सीर में हज़रत अली (अ) की शान में फ़रीक़ैन के तरीक़ों से बयान होने वाली रिवायात की तरफ़ इशारा करते हैं:1. अबू ...
हिजरी क़मरी वर्ष के रजब महीने के तीसरी तारीख़ आ गई है। यह तारीख़ पैग़म्बरे इस्लाम के पौत्र हज़रत इमाम अली नक़ी अलैहिस्सलाम की शहादत की तारीख़ है। इमाम अली नक़ी ...