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Monday 25th of November 2024
Kalam and Beliefs
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ख़ुदसाज़ी(स्वयंसुधार)

ख़ुदसाज़ी(स्वयंसुधार)
ख़ुद को सँवारने का बेहतरीन ज़माना जवानी का दौर है। इमाम अली (अ) अपने बेटे इमाम हसन (अ) से फ़रमाते हैं: انما قلب الحدث کالارض الخالِِيه ما القِِى فِِيها من شِِي قبلته فبادرتک بالادب قبل انِِ يقسوا قلبک و ِِ ...

नेमतै एवम मानव दायित्व

नेमतै एवम मानव दायित्व
लेखक: आयतुल्लाह हुसैन अनसारियान   किताब का नाम: तोबा आग़ोशे रहमत     َكُلُوا مِمَّا رَزَقَكُمُ اللهُ حَلالا طَيِّباً وَاشْكُرُوا نِعْمَتَ اللهِ اِنْ كُنْتُمْ اِيّاهُ تَعْبُدُونَ(सूरा 16, आयत 114) परमेश्वर ...

विश्व समुदाय सीरिया की सहायता करे

विश्व समुदाय सीरिया की सहायता करे
मानवाधिकार की एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था ने सीरिया की जनता को त्वरित सहायता प्रदान करने की आवश्यकता पर बल दिया है   मानवाधिकार की एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था ने सीरिया की ...

तिलावत,तदब्बुर, अमल

तिलावत,तदब्बुर, अमल
क़ुरआने करीम की तिलावत अफ़ज़ल तरीन इबादतों में से एक है और बहुत कम इबादते ऐसी हैं जो इसके पाये को पहुँचती हैं। क्यों कि यह इल्हाम बख़्श तिलावत क़ुरआने करीम में ग़ौर व ...

ईरान में पैग़म्बरे आज़म-6 मीज़ाइल अभ्यास

ईरान में पैग़म्बरे आज़म-6 मीज़ाइल अभ्यास
इस्लामी गणतंत्र ईरान में इस्लामी क्रान्ति के संरक्षक बल सिपाहे पासदाराने इंक़ेलाब आज सोमवार से फ़ार्स खाड़ी में पैग़म्बरे आज़म-6 नामक मीज़ाइल अभ्यास आरंभ कर रहा ...

शुक्रिये व क़द्रदानी का जज़्बा

शुक्रिये व क़द्रदानी का जज़्बा
शुक्रिये व क़द्रदानी का जज़्बा لئن شكرتم لأزيدنكم अगर तुम ने शुक्र अदा किया तो मैं यक़ीनन नेमतों को ज़्यादा कर दूँगा। सूरः ए इब्राहीम आयत न. 127 इंसान को समाजी एतेबार से एक दूसरे ...

सूरा बक़रा का संक्षिप्त परिचय

सूरा बक़रा का संक्षिप्त परिचय
  इस सूरे में 286 आयते हैं और पवित्र क़ुरआन के तीस भागों में से दो से ज़्यादा भाग इसी सूरे से विशेष हैं। पवित्र क़ुरआन के उतरने वाले सूरों के क्रमांक की दृष्टि यह 86वें नंबर पर ...

पाप एक बीमारी 1

पाप एक बीमारी  1
पुस्तक का नामः पश्चताप दया का आलंगन लेखकः आयतुल्लाह अनसारियान   प्रत्येक व्यक्ति भीतरी स्वभाव एवं गरिमा की दृष्टि से किसी भी परिस्थिति मे जन्म लेता है। लालच, ईर्ष्या, ...

अँबिया का अपनी पूरी ज़िन्दगी में मासूम होना

अँबिया का अपनी पूरी ज़िन्दगी में मासूम होना
हमारा अक़ीदह है कि अल्लाह के तमाम पैग़म्बर मासूम हैं यानी अपनी पूरी ज़िन्दगी में चाहे वह बेसत से पहले की ज़िन्दगी हो या बाद की गुनाह, ख़ता व ग़लती से अल्लाह की तईद के ज़रिये ...

दुआ-ऐ-मशलूल

दुआ-ऐ-मशलूल
सैय्यद इब्ने तावूस ने अपनी किताब मह्जूले-दावत में हज़रत इमाम हुसैन (अ:स) से रिवायत की है के आप फरमाते हैं की एक शब् मै अपने पदरे बुज़ुर्गवार आली मश्दार हज़रत अली इब्ने अबी ...

अल्लाह की हदों को जारी करना

अल्लाह की हदों को जारी करना
अल्लाह की हदों को जारी करनासमाज के उपद्रवी व बुरे लोगों से मुक़ाबले के लिए विभिन्न तरीक़े अपनाये जाते हैं। हज़रत इमाम महदी (अ. स.) की हुकूमत में बुरे लोगों से मुक़ाबले के लिए ...

क़ज़ा व क़दर अर्थात भाग्य पर विश्वास के प्रभाव

क़ज़ा व क़दर अर्थात भाग्य पर विश्वास के प्रभाव
र्इश्वर के क़ज़ा व क़दर अर्थात र्इश्वर द्वारा निर्धारित भाग्य व सीमा पर विश्वास र्इश्वर की पहचान के महत्वपूर्ण चरण तक मनुष्य को पहुँचाने के साथ ही साथ बौध्दिक रूप से ...

क़रआन व इँसान की माद्दी व मानवी ज़रूरतें

क़रआन व इँसान की माद्दी व मानवी ज़रूरतें
वह तमाम चीज़ें जिन की इंसान को अपनी माद्दी व मानवी ज़िन्दगी में ज़रूरत है उन के उसूल कुरआने करीम में बयान कर दिये गये हैं। चाहे वह हुकूमत चलाने के क़वानीन हों या सियासी ...

सूर - ए - बक़रा की तफसीर 1

सूर - ए - बक़रा की तफसीर 1
इस सूरे में 286 आयते हैं और पवित्र क़ुरआन के तीस भागों में से दो से ज़्यादा भाग इसी सूरे से विशेष हैं। पवित्र क़ुरआन के उतरने वाले सूरों के क्रमांक की दृष्टि यह 86वें नंबर पर ...

दुनिया में दो तरह के अख़लाक़

दुनिया में दो तरह के अख़लाक़
दुनिया में दो तरीक़े के अच्छे अखलाक़ पाये जाते हैं   रियाकाराना अखलाक़ (दुनियावी फ़ायदे हासिल करने के लिए) मुख़लेसाना अखलाक़ (जो दिल की गहराईयों से होता है)   पहली क़िस्म ...

क़ुरआन पैग़म्बरे इस्लाम (स.) का सब से बड़ा मोजज़ा है

क़ुरआन पैग़म्बरे इस्लाम (स.) का सब से बड़ा मोजज़ा है
हमारा अक़ादह है कि क़ुरआने करीम पैग़म्बरे इस्लाम (स.)का सब से बड़ा मोजज़ा है और यह फ़क़त फ़साहत व बलाग़त, शीरीन बयान और मअनी के रसा होने के एतबार से ही नही बल्कि और मुख़्तलिफ़ ...

क़ुरआन नातिक़ भी है और सामित भी

क़ुरआन नातिक़ भी है और सामित भी
हज़रत अली (अ) एक तरफ़ तो फ़रमाते हैं कि यह किताब नातिक़ है जब कि दूसरे मक़ाम पर फ़रमाते हैं यह किताब सामित है नातिक़ नहीं इस को बोलने पर आमादा करना चाहिये और यह मैं हूँ जो ...

क़ुरआन में तहरीफ़ नही

क़ुरआन में तहरीफ़ नही
हमारा अक़ीदह यह है कि आज जो क़ुरआन उम्मते मुस्लेमाँ के हाथों में है यह वही क़ुरआन है जो पैगम्बरे इस्लाम (स.)पर नाज़िल हुआ था। न इस में से कुछ कम हुआ है और न ही इस में कुछ बढ़ाया ...

तफ़सीर का इल्म और मुफ़स्सेरीन के तबक़ात

तफ़सीर का इल्म और मुफ़स्सेरीन के तबक़ात
पैग़म्बरे अकरम (स) की वफ़ात के बाद कुछ सहाबा जैसे ऊबई बिन काब, अब्दुल्लाह बिन मसऊद, जाबिर बिन अब्दुल्लाह अंसारी, अबू सईद ख़िदरी, अब्दुल्लाह बिन ज़ुबैर, अनस बिन मालिक, अबू ...

क़ुरआने करीम की तफ़्सीर के ज़वाबित

क़ुरआने करीम की तफ़्सीर के ज़वाबित
हमारा मानना है कि क़ुरआने करीम के अलफ़ाज़ को उनके लुग़वी व उर्फ़ी मअना में ही इस्तेमाल किया जाये,जब तक आयत में अलफ़ाज़ के दूसरे मअना में इस्तेमाल होने का कोई अक़्ली या ...