ख़ुद को सँवारने का बेहतरीन ज़माना जवानी का दौर है। इमाम अली (अ) अपने बेटे इमाम हसन (अ) से फ़रमाते हैं: انما قلب الحدث کالارض الخالِِيه ما القِِى فِِيها من شِِي قبلته فبادرتک بالادب قبل انِِ يقسوا قلبک و ِِ ...
मानवाधिकार की एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था ने सीरिया की जनता को त्वरित सहायता प्रदान करने की आवश्यकता पर बल दिया है
मानवाधिकार की एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था ने सीरिया की ...
क़ुरआने करीम की तिलावत अफ़ज़ल तरीन इबादतों में से एक है और बहुत कम इबादते ऐसी हैं जो इसके पाये को पहुँचती हैं। क्यों कि यह इल्हाम बख़्श तिलावत क़ुरआने करीम में ग़ौर व ...
इस्लामी गणतंत्र ईरान में इस्लामी क्रान्ति के संरक्षक बल सिपाहे पासदाराने इंक़ेलाब आज सोमवार से फ़ार्स खाड़ी में पैग़म्बरे आज़म-6 नामक मीज़ाइल अभ्यास आरंभ कर रहा ...
शुक्रिये व क़द्रदानी का जज़्बा لئن شكرتم لأزيدنكم अगर तुम ने शुक्र अदा किया तो मैं यक़ीनन नेमतों को ज़्यादा कर दूँगा। सूरः ए इब्राहीम आयत न. 127 इंसान को समाजी एतेबार से एक दूसरे ...
इस सूरे में 286 आयते हैं और पवित्र क़ुरआन के तीस भागों में से दो से ज़्यादा भाग इसी सूरे से विशेष हैं। पवित्र क़ुरआन के उतरने वाले सूरों के क्रमांक की दृष्टि यह 86वें नंबर पर ...
पुस्तक का नामः पश्चताप दया का आलंगन
लेखकः आयतुल्लाह अनसारियान
प्रत्येक व्यक्ति भीतरी स्वभाव एवं गरिमा की दृष्टि से किसी भी परिस्थिति मे जन्म लेता है।
लालच, ईर्ष्या, ...
हमारा अक़ीदह है कि अल्लाह के तमाम पैग़म्बर मासूम हैं यानी अपनी पूरी ज़िन्दगी में चाहे वह बेसत से पहले की ज़िन्दगी हो या बाद की गुनाह, ख़ता व ग़लती से अल्लाह की तईद के ज़रिये ...
सैय्यद इब्ने तावूस ने अपनी किताब मह्जूले-दावत में हज़रत इमाम हुसैन (अ:स) से रिवायत की है के आप फरमाते हैं की एक शब् मै अपने पदरे बुज़ुर्गवार आली मश्दार हज़रत अली इब्ने अबी ...
अल्लाह की हदों को जारी करनासमाज के उपद्रवी व बुरे लोगों से मुक़ाबले के लिए विभिन्न तरीक़े अपनाये जाते हैं। हज़रत इमाम महदी (अ. स.) की हुकूमत में बुरे लोगों से मुक़ाबले के लिए ...
र्इश्वर के क़ज़ा व क़दर अर्थात र्इश्वर द्वारा निर्धारित भाग्य व सीमा पर विश्वास र्इश्वर की पहचान के महत्वपूर्ण चरण तक मनुष्य को पहुँचाने के साथ ही साथ बौध्दिक रूप से ...
वह तमाम चीज़ें जिन की इंसान को अपनी माद्दी व मानवी ज़िन्दगी में ज़रूरत है उन के उसूल कुरआने करीम में बयान कर दिये गये हैं। चाहे वह हुकूमत चलाने के क़वानीन हों या सियासी ...
इस सूरे में 286 आयते हैं और पवित्र क़ुरआन के तीस भागों में से दो से ज़्यादा भाग इसी सूरे से विशेष हैं। पवित्र क़ुरआन के उतरने वाले सूरों के क्रमांक की दृष्टि यह 86वें नंबर पर ...
दुनिया में दो तरीक़े के अच्छे अखलाक़ पाये जाते हैं
रियाकाराना अखलाक़ (दुनियावी फ़ायदे हासिल करने के लिए)
मुख़लेसाना अखलाक़ (जो दिल की गहराईयों से होता है)
पहली क़िस्म ...
हमारा अक़ादह है कि क़ुरआने करीम पैग़म्बरे इस्लाम (स.)का सब से बड़ा मोजज़ा है और यह फ़क़त फ़साहत व बलाग़त, शीरीन बयान और मअनी के रसा होने के एतबार से ही नही बल्कि और मुख़्तलिफ़ ...
हज़रत अली (अ) एक तरफ़ तो फ़रमाते हैं कि यह किताब नातिक़ है जब कि दूसरे मक़ाम पर फ़रमाते हैं यह किताब सामित है नातिक़ नहीं इस को बोलने पर आमादा करना चाहिये और यह मैं हूँ जो ...
हमारा अक़ीदह यह है कि आज जो क़ुरआन उम्मते मुस्लेमाँ के हाथों में है यह वही क़ुरआन है जो पैगम्बरे इस्लाम (स.)पर नाज़िल हुआ था। न इस में से कुछ कम हुआ है और न ही इस में कुछ बढ़ाया ...
हमारा मानना है कि क़ुरआने करीम के अलफ़ाज़ को उनके लुग़वी व उर्फ़ी मअना में ही इस्तेमाल किया जाये,जब तक आयत में अलफ़ाज़ के दूसरे मअना में इस्तेमाल होने का कोई अक़्ली या ...