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Monday 25th of November 2024
Kalam and Beliefs
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तफसीरे सूराऐ फत्ह

तफसीरे सूराऐ फत्ह
सूरए फ़त्ह पवित्र क़ुरआन का 48वां सूरा है। यह सूरा मदीने में उतरा।  इसमें 29 आयतें है। इस सूरे के नाम से ही स्पष्ट है कि यह विजय और सफलता का संदेश दे रहा है। अरबी भाषा में ...

निराशा कुफ़्र है 1

निराशा कुफ़्र है 1
पुस्तक का नामः पश्चताप दया का आलंगन लेखकः आयतुल्लाह अनसारियान अहलेबैत (अलैहेमुस्सलाम) की शिक्षाओ तथा क़ुरआन के छंदो द्वारा जब यह स्पषट हो गया कि प्रकट एवं गुप्त, बाहरी और ...

तक़वाए इलाही

तक़वाए इलाही
सब से पहले मैं अपनी ज़ात को और आप तमाम हज़रात को तक़वाए इलाही की वसीयत करता हूँ उस तक़वे की वसीयत जो अल्लाह का मोहकम क़िला और रोज़े क़ियामत का बेहतरीन सरमाया ही नही बल्कि ...

फ़ज्र के नमाज़ के बाद की दुआऐ

फ़ज्र के नमाज़ के बाद की दुआऐ
  ऐ माबूद! मोहम्मद व आले मोहम्मद पर रहमत नाजिल फ़रमा और हक में इख्तालाफ़ के मकाम पर अपने हुक्म से मुझे हिदायत दे! बेशक तू जिसे चाहे सीढ़ी राह की हिदायत फरमाता ...

तफ़्सीर बिर्राय के ख़तरात

तफ़्सीर बिर्राय के ख़तरात
हमारा अक़ीदह है कि क़ुरआने करीम के लिए सब से ख़तरनाक काम अपनी राय के मुताबिक़ तफ़्सीर करना है।इस्लामी रिवायात में जहाँ इस काम को गुनाहे कबीरा से ताबीर किया गया है वहीँ यह ...

मलंग कौन शिया या सुन्नी

मलंग कौन शिया या सुन्नी
अभी कुछ दिनों से यह सुनने में आ रहा है की शियो में कुछ जवान अपने आप को मलंग कहने लगे हैं  सुनने में ये भी आया है की कुछ लोग उनमे से सिरिया गए थे वहां से अपने कानो में बुँदे पहन ...

क़यामत पर आस्था का महत्व

क़यामत पर आस्था का महत्व
कार्यक्रम सृष्टि ईश्वर और धर्म को हमने सृष्टि पर चर्चा से आरंभ किया था जिसके दौरान हमने विभिन्न ईश्वरीय गुणों तथा उसके दूतों और उनके लाए हुए धर्म परचर्चा की और यह बताया कि ...

इस्लाम और इँसान की सरिश्त

इस्लाम और इँसान की सरिश्त
हमारा अक़ीदह है कि अल्लाह, उसकी वहदानियत और अंबिया की तालीमात के उसूल पर ईमान का मफ़हूम अज़ लिहाज़े फ़ितरत इजमाली तौर पर हर इँसान के अन्दर पाया जाता हैं। बस पैग़म्बरों ने ...

नमाज़े जमाअत की फ़ज़ीलत

नमाज़े जमाअत की फ़ज़ीलत
एक नमाज़े जमाअत घर में पढ़ी जाने .......से बेहतर है। रसूले इस्लाम स.अ ने फ़रमायाःصَلاةُ الرَّجُلِ فِي جَمَاعَةٍ خَيْرٌ مِنْ صَلاتِهِ فِي بَيْتِهِ أرْبَعِينَ سَنَةً.एक नमाज़े जमाअत घर में पढ़ी जाने ...

पश्चाताप 2

पश्चाताप 2
  लेखक: आयतुल्लाह हुसैन अनसारियान   किताब का नाम: तोबा आग़ोशे रहमत   कल हमने कहा था कि तोबा आग़ाशे रहमते इलाही है। सत्य पश्चाताप उदात्त दूरदराज के कनेक्शन के कारण चमकदार ...

शरमिन्दगी की रिवायत

शरमिन्दगी की रिवायत
खलीफाऐ अव्वल अबुबकर बिन अबुक़हाफा एक रिवायत की बिना पर अपनी उम्र के आखरी लमहो मे तीन कामो के करने, तीन कामो के न करने, और पैग़म्बर से तीन सवालो के न पूछने से शरमिंदगी का ...

दुआ ऐ सहर

दुआ ऐ सहर
ऐ गमो अन्दोह मे मेरी पनाहगाह या मफज़ई इन्दा कुरबती يَا مَفْزَعِي عِنْدَ كُرْبَتِي ऐ मुश्किलो मे मेरी मदद करने वाले या ग़ौसी इन्दा शिद्दती وَ يَا غَوْثِي عِنْدَ شِدَّتِي मै ...

पाप एक बीमारी 2

पाप एक बीमारी  2
पुस्तक का नामः पश्चताप दया का आलंगन लेखकः आयतुल्लाह अनसारियान   मानव इन कारको के प्रभाव से बौद्धिक त्रुटि, हृदय के विचलन, अनैतिकता तथा व्यवहारिक बुराईयो मे घिर जाता है, इस ...

इनहेराफ़ी बहसे

इनहेराफ़ी बहसे
हमारा मानना है कि मुस्लमानों को क़ुरआने करीम की आयात में तदब्बुर करने से रोकने के लिए हमेशा ही साज़िशें होती रही हैम इन साज़िशों के तहत कभी बनी उमय्यह व बनी अब्बास के दौरे ...

सिफ़ाते जमाल व जलाल

सिफ़ाते जमाल व जलाल
हमारा अक़ीदह है कि अल्लाह की ज़ाते पाक हर ऐब व नक़्स से पाक व मुनज़्ज़ह और तमाम कमालात से आरास्ता,बल्कि कमाले मुतलक़ व मुतलक़े कमाल है दूसरे अलफ़ाज़ में यह कहा जा सकता है कि ...

निराशा कुफ़्र है 3

निराशा कुफ़्र है 3
पुस्तक का नामः पश्चताप दया का आलंगन लेखकः आयतुल्लाह अनसारियान   इस से पहले भाग मे कहा था कि वह आशा जो अपने से समबंधित साधनो एवं उपकरणो से ख़ाली हो तो वह व्यर्थ और बेकार की ...

अँबिया के मोजज़ात व इल्मे ग़ैब

अँबिया के मोजज़ात व इल्मे ग़ैब
पैग़म्बरो का अल्लाह का बन्दा होना इस बात की नफ़ी नही करता कि वह अल्लाह के हुक्म से हाल, ग़ुज़िश्ता और आइन्दा के पौशीदा अमूर से वाक़िफ़ न हो। “आलिमु अलग़ैबि फ़ला युज़हिरु ...

राह के आख़री माना

राह के आख़री माना
रहरवाने राहे ख़ुदा के सामने सबसे मुश्किल काम “इख़लास ” है और इस राह में सबसे ख़तरनाक मानेअ शिर्क में आलूदगी और “रिया” हैं। यह मशहूर हदीस तमाम रहरवाने राहे ख़ुदा की कमर को ...

न वह जिस्म रखता है और न ही दिखाई देता है

न वह जिस्म रखता है और न ही दिखाई देता है
हमारा अक़ीदह है कि अल्लाह आखोँ से हर गिज़ दिखाई नही देता, क्योँ कि आख़ोँ से दिखाई देने का मतलब यह है कि वह एक जिस्म है जिसको मकान, रंग, शक्ल और सिम्त की ज़रूरत होती है,यह तमाम ...

तहाविया सम्प्रदाय

तहाविया सम्प्रदाय
अहले सुन्नत के मूल धार्मिक सिद्धात में सुधार की प्रतिक्रिया और उस का नारा, चौथी शताब्दी में, तीन विद्धानों के ज़रिये बुलंद किया गया, जिन में से एक अबू जाफ़र तहावी हैं।आप का ...