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Saturday 6th of July 2024
Kalam and Beliefs
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मलंग कौन शिया या सुन्नी

मलंग कौन शिया या सुन्नी
अभी कुछ दिनों से यह सुनने में आ रहा है की शियो में कुछ जवान अपने आप को मलंग कहने लगे हैं  सुनने में ये भी आया है की कुछ लोग उनमे से सिरिया गए थे वहां से अपने कानो में बुँदे पहन ...

सब से बड़ा मोजिज़ा

सब से बड़ा मोजिज़ा
हमारा अक़ीदा है कि क़ुरआने करीम पैग़म्बरे इस्लाम (स.) का सब से बड़ा मोजज़ा है और यह फ़क़त फ़साहत व बलाग़त, शीरीन बयान और मअनी के रसा होने के एतबार से ही नही बल्कि और ...

इस्लाम-धर्म में शिष्टाचार

इस्लाम-धर्म में शिष्टाचार
सदाचारः पैग़म्बरे अकरम (सा) की वाणी अनतं जीवन के लिए जीवित व ज़िन्दा है। (انما بعثت لاتمم مکارم الاخلاق) यक़ीनन मैं मबऊस हूआ हुँ ताकि नेक व शिष्टाचार-चरित्र को सम्पूर्ण करुँ, रसूल (सा) ...

पारिभाषा में शिया किसे कहते हैं।

पारिभाषा में शिया किसे कहते हैं।
 अमीरुल मोमिनीन हज़रत अली अलैहिस्सलाम की बिला फ़स्ल इमामत (अर्थात रसूले इस्लाम सल्लल्लाहो अलैहे व आलिही वसल्लम के बाद, बिना किसी फ़ासले के आपको पहले नम्बर पर उनका ...

सलाह व मशवरा

सलाह व मशवरा
कामों में दूसरों से मशवरा करो।   समाजी तरक़्क़ी का एक पहलू मशवरा करना है। मशवरा यानी मिलकर फ़िक्र करना। इसमें कोई शक नही है कि जो लोग मशवरा करते हैं, उनमें अक़्ल व फ़िक्र ...

क़ुरआने मजीद ने क्यों दो तरीक़ों यानी ज़ाहिरी और बातिनी तौर पर बयान फ़रमाया है?

क़ुरआने मजीद ने क्यों दो तरीक़ों यानी ज़ाहिरी और बातिनी तौर पर बयान फ़रमाया है?
1. इंसान ने अपनी ज़िन्दगी में जो कि सिर्फ़ दुनियावी और आरेज़ी ज़िन्दगी है, अपनी हयात का ख़ैमा एक बुलबुले की तरह माद्दे (material) से उसका हमेशा वास्ता है।उसके अँदरुनी और बेरुनी ...

क़ुरआन और सदाचार

क़ुरआन और सदाचार
इस में कोई शक नही है कि सदाचार हर समय में महत्वपूर्ण रहा हैं। परन्तु वर्तमान समय में इसका महत्व कुछ अधिक ही बढ़ गया है। क्योँकि वर्तमान समय में इंसान को भटकाने और बिगाड़ने ...

अँबिया के मोजज़ात व इल्मे ग़ैब

अँबिया के मोजज़ात व इल्मे ग़ैब
पैग़म्बरो का अल्लाह का बन्दा होना इस बात की नफ़ी नही करता कि वह अल्लाह के हुक्म से हाल, ग़ुज़िश्ता और आइन्दा के पौशीदा अमूर से वाक़िफ़ न हो। “आलिमु अलग़ैबि फ़ला युज़हिरु ...

सिफ़ाते जमाल व जलाल

सिफ़ाते जमाल व जलाल
हमारा अक़ीदह है कि अल्लाह की ज़ाते पाक हर ऐब व नक़्स से पाक व मुनज़्ज़ह और तमाम कमालात से आरास्ता,बल्कि कमाले मुतलक़ व मुतलक़े कमाल है दूसरे अलफ़ाज़ में यह कहा जा सकता है कि ...

तिलावत,तदब्बुर, अमल

तिलावत,तदब्बुर, अमल
क़ुरआने करीम की तिलावत अफ़ज़ल तरीन इबादतों में से एक है और बहुत कम इबादते ऐसी हैं जो इसके पाये को पहुँचती हैं। क्यों कि यह इल्हाम बख़्श तिलावत क़ुरआने करीम में ग़ौर व ...

दुनिया में दो तरह के अख़लाक़

दुनिया में दो तरह के अख़लाक़
दुनिया में दो तरीक़े के अच्छे अखलाक़ पाये जाते हैं   रियाकाराना अखलाक़ (दुनियावी फ़ायदे हासिल करने के लिए) मुख़लेसाना अखलाक़ (जो दिल की गहराईयों से होता है)   पहली क़िस्म ...

नमाज़े जमाअत की फ़ज़ीलत

नमाज़े जमाअत की फ़ज़ीलत
एक नमाज़े जमाअत घर में पढ़ी जाने .......से बेहतर है। रसूले इस्लाम स.अ ने फ़रमायाःصَلاةُ الرَّجُلِ فِي جَمَاعَةٍ خَيْرٌ مِنْ صَلاتِهِ فِي بَيْتِهِ أرْبَعِينَ سَنَةً.एक नमाज़े जमाअत घर में पढ़ी जाने ...

तफ़सीर का इल्म और मुफ़स्सेरीन के तबक़ात

तफ़सीर का इल्म और मुफ़स्सेरीन के तबक़ात
पैग़म्बरे अकरम (स) की वफ़ात के बाद कुछ सहाबा जैसे ऊबई बिन काब, अब्दुल्लाह बिन मसऊद, जाबिर बिन अब्दुल्लाह अंसारी, अबू सईद ख़िदरी, अब्दुल्लाह बिन ज़ुबैर, अनस बिन मालिक, अबू ...

सूर - ए - बक़रा की तफसीर 1

सूर - ए - बक़रा की तफसीर 1
इस सूरे में 286 आयते हैं और पवित्र क़ुरआन के तीस भागों में से दो से ज़्यादा भाग इसी सूरे से विशेष हैं। पवित्र क़ुरआन के उतरने वाले सूरों के क्रमांक की दृष्टि यह 86वें नंबर पर ...

तफसीरे सूराऐ फत्ह

तफसीरे सूराऐ फत्ह
सूरए फ़त्ह पवित्र क़ुरआन का 48वां सूरा है। यह सूरा मदीने में उतरा।  इसमें 29 आयतें है। इस सूरे के नाम से ही स्पष्ट है कि यह विजय और सफलता का संदेश दे रहा है। अरबी भाषा में ...

पाप एक बीमारी 1

पाप एक बीमारी  1
पुस्तक का नामः पश्चताप दया का आलंगन लेखकः आयतुल्लाह अनसारियान   प्रत्येक व्यक्ति भीतरी स्वभाव एवं गरिमा की दृष्टि से किसी भी परिस्थिति मे जन्म लेता है। लालच, ईर्ष्या, ...

फ़रिशतगाने ख़ुदा

फ़रिशतगाने ख़ुदा
फ़रिशतगाने ख़ुदाफ़रिश्तों के वुजूद पर हमारा अक़ीदह है कि और हम मानते हैं कि उन में से हर एक की एक ख़ास ज़िम्मेदारी है-एक गिरोह पैगम्बरों पर वही ले जाने पर मामूर हैं।एक ...

फ़ज्र के नमाज़ के बाद की दुआऐ

फ़ज्र के नमाज़ के बाद की दुआऐ
  ऐ माबूद! मोहम्मद व आले मोहम्मद पर रहमत नाजिल फ़रमा और हक में इख्तालाफ़ के मकाम पर अपने हुक्म से मुझे हिदायत दे! बेशक तू जिसे चाहे सीढ़ी राह की हिदायत फरमाता ...

शुक्रिये व क़द्रदानी का जज़्बा

शुक्रिये व क़द्रदानी का जज़्बा
शुक्रिये व क़द्रदानी का जज़्बा لئن شكرتم لأزيدنكم अगर तुम ने शुक्र अदा किया तो मैं यक़ीनन नेमतों को ज़्यादा कर दूँगा। सूरः ए इब्राहीम आयत न. 127 इंसान को समाजी एतेबार से एक दूसरे ...

दुआ ऐ सहर

दुआ ऐ सहर
ऐ गमो अन्दोह मे मेरी पनाहगाह या मफज़ई इन्दा कुरबती يَا مَفْزَعِي عِنْدَ كُرْبَتِي ऐ मुश्किलो मे मेरी मदद करने वाले या ग़ौसी इन्दा शिद्दती وَ يَا غَوْثِي عِنْدَ شِدَّتِي मै ...