लेखक: आयतुल्लाह हुसैन अनसारियान
किताब का नाम: तोबा आग़ोशे रहमत
लोगो का एक समूह वास्तविक परोपकारी की ओर ध्यान दिये बिना, दिव्य आशीषो मे बिना सोचे समझे, आशीषो के उस संग्रह को जो परमेश्वर ने उन्हे प्रदान किया है, अपने आप को उसका हक़ीक़ी मालिक समझते हुए अपनी इच्छानुसार आशीषो (नैमतो) का प्रयोग करते है!
जो लोग अपेक्षा, विचारहीनता, अज्ञानता और लापरवाही मे रहते है, परमेश्वर की आशीषो को शैतान एंव अवैध भावनाओ के मार्ग मे ख़र्च करते है और इस से बदतर है कि मनुष्य अपनी महिला और बच्चो, क़ोमो, संबंधियो, मित्रो और दूसरे लोगो को पथभ्रष्ट (गुमराह) करने हेतु आशीषो से सहायता लेते है।
अंगो की आशीष को दूसरो से पापो मे, पाप और ग़लती मे मित्रो से माल और दौलत, तानाशाहो और अत्यचारीयो की सेवा के लिए ज्ञान की आशीष, और परमेश्वर के भक्तो को गुमराह करने के लिए बयान की आशीष से सहायता लेते है।
ये लोग परमेश्वर की सुंदर आशीषो को शैतान (राक्षस) की घृणित बातो मे परिवर्तित करने वाले है और इस प्रकार ये ख़ुदको और अपनी क़ोम को मृतोत्थान (क़यामत) की स्थायी पीड़ा (अज़ाब) के हवाले करते है।
أَلَمْ تَرَ إِلَى الَّذِينَ بَدَّلُوا نِعْمَتَ اللَّهِ كُفْراً وَأَحَلُّوا قَوْمَهُمْ دَارَ الْبَوَارِ * جَهَنَّمَ يَصْلَوْنَهَا وَبِئْسَ الْقَرَارُ
अलम तरा एलल्लज़ीना बद्दलू नैमतिलल्लाहि कुफ़रव वअहल्लू क़ौमहुम दारल बवारे * जहन्नमा यसलोनहा वबेसल क़रारु[1]
क्या तुमने उन लोगो को नही देखा जिन्होने परमेश्वर की आशीषो (नैमतो) को नास्तिकता (कुफ्र) मे परिवर्तित और अस्वीकार किया और ख़ुद को एंव अपनी क़ौम को विनाश की ओर लेगये। नरक जो बहुत बुरा गंतव्यस्थान है उसमे जाएगें।