लेखक: आयतुल्लाह हुसैन अनसारियान
किताब का नाम: तोबा आग़ोश
वो लोग जिन्होने विचार और स्पष्ट सोच, रचना की सच्चाई को देखने, प्राणीयो की ज़बान से तत्थो की सच्चाई सुन्ने के माध्यम से, परमेश्वर और दुनिया के अस्तित्व एंव मानव और मृतोस्थान (क़यामत) को पहचाना है, और अपने भीतरी परिष्कृत, आत्मा की शुद्धि, नैतिकता के अधिकार से श्रृंगाल करने, पूजा और बंदगी के मार्ग मे, एहसान और अच्छाई को परमेश्वर के भक्तो तक पहुचाने मे कोशिश की, वास्तव मे उन्होने भगवान की आशीषो की सराहना (क़द्र दानी) की है।
हाँ, उन्होने परमात्मा की गुप्त एंव प्रकट आशीषो का सही प्रकार से प्रयोग करके ख़ुद को और जो इनके पीछे पीछे चले उनको दुनिया और इसके बाद (आख़रत) के सुख तक पहुचा दिया है।
विशेषाधिकृत एंव प्रतिष्ठित (मुम्ताज़ और बरजस्ता) लोगो और इस पवित्र क़ाफ़िले के नायक (सरदार) निर्दोष ईश्वरदूत (भविष्यद्वक्ता) और इमाम हैं। आस्था रखने वाले लोग दिन और रात अपने दिव्य कर्तव्य का पालन करते हुए दयालु एंव कृपालु ईश्वर से यही प्रार्थना करते है कि जिस मार्ग पर वह महान पुरूष थे हमे भी उसी पथ का निर्देश करता रह।
اهْدِنَا الصِّرَاطَ الْمُسْتَقِيمَ * صِرَاطَ الَّذِينَ أَ نْعَمْتَ عَلَيْهِمْ غَيْرِ الْمَغْضُوبِ عَلَيْهِمْ وَلاَ الضَّآلِّينَ
एहदिनस्सिरातल मुस्तक़ीमा * सिरातल्लज़ीना अनअम्ता अलैहिम ग़ैरिल्मग़ज़ूबि अलैहिम वलज़्ज़ाल्लीन[1]
हमे सीधे मार्ग का निर्देश करता रह, जो उन पुरूषो का मार्ग है जिन पर तूने अपनी आशीषो को उतारा है, (और उन्होने तेरी आशीषो से इस प्रकार व्यवहार किया कि वो तेरी संतुष्टि के आर्कषित होने का कारण बने), उनका मार्ग नही जिन पर प्रकोप (ग़ज़ब) नाज़िल किया और गुमराह है।