पुस्तक का नामः पश्चताप दया का आलंगन
लेखकः आयतुल्लाह अनसारियान
इस खंड मे आवश्यक है कि आध्यात्मिक चिकित्सको के कुच्छ आदेशो की ओर संकेत किया जाए, ताकि पापी (दोषी) व्यक्ति इनका अध्ययन करके अथवा किसी अध्ययन करने वाले से इनको सुनकर दर्द का उपचार करे।
قُلْ إِن كُنْتُمْ تُحِبُّونَ اللّهَ فَاتَّبِعُونِي يُحْبِبْكُمُ اللّهُ وَيَغْفِرْ لَكُمْ ذُنُوبَكُمْ وَاللّهُ غَفُورٌ رَحِيمٌ
क़ुल इनकुन्तुम तोहिब्बूनल्लाहा फ़त्तबेऊनी योहबिब्कोमुल्लाहो व यग़फ़िरलकुम ज़ोनूबकुम वल्लाहो ग़फ़ूरुर्रहीम[1]
कह दो, यदि तुम ईश्वर से प्रेम करते हो, तो मेरे पीछे आओ, ईश्वर भी तुम से प्रेम करेगा तथा तुम्हारे पापो को क्षमा कर देगा, और ईश्वर क्षमा करने वाला एवं दयालु है।
يَا أَيُّهَا الَّذِينَ آمَنُوا إِن تَتَّقُوا اللّهَ يَجْعَل لَكُمْ فُرْقَاناً وَيُكَفِّرْ عَنكُمْ سَيِّئَاتِكُمْ وَيَغْفِرْ لَكُمْ وَاللّهُ ذُو الْفَضْلِ الْعَظِيمِ
या अय्योहल्लज़ीना आमनू इन तत्तक़ुल्लाहा यजअल्लकुम फ़ुरक़ानन वयो कफ़्फ़िर अनकुम सय्येआतेकुम वयग़फ़िर लकुम वल्लाहो ज़ुलफ़ज़लिल अज़ीम[2]
हे विश्वास रखने वालो! यदि तुम अपने पूर्ण जीवन मे ईश्वर से डरते रहोगे, तो ईश्वर तुम्हे सही और ग़लत के बीच अंतर करने की समक्ष दृष्टि प्रदान करेगा, तुम्हारे पापो को गुप्त रखेगा तथा तुम्हे क्षमा करेगा, और ईश्वर महान फ़ज़ीलत वाला है।
يَا أَيُّهَا الَّذِينَ آمَنُوا اتَّقُوا اللَّهَ وَقُولُوا قَوْلاً سَدِيداً * يُصْلِحْ لَكُمْ أَعْمَالَكُمْ وَيَغْفِرْ لَكُمْ ذُ نُوبَكُمْ وَمَن يُطِعِ اللَّهَ وَرَسُولَهُ فَقَدْ فَازَ فَوْزاً عَظِيماً
या अय्योहल्लज़ीना आमनुत्तक़ुल्लाहा वक़ूलू क़ौलन सदीदा * युसलेह लकुम आमालकुम वयग़फ़िरलकुम ज़ोनूबकुम वमई योतिइल्लाहा वरसूलहू फ़क़द फ़ाज़ा फ़ौज़न अज़ीमा[3]
हे वो लोग जो आस्था रखते है! ईश्वर से डरो और सदैव सत्य बोलो * ईश्वर तुम्हारे कर्मो की इसलाह करता है और तुम्हारे पापो को क्षमा करता है, जो व्यक्ति ईश्वर और उसके दूत (रसूल) की आज्ञा का पालन करता है वही व्यक्ति महान समृद्धि प्राप्त करता है।