![ईश्वर से डरने का इनाम ईश्वर से डरने का इनाम](https://erfan.ir/system/assets/imgArticle/2013/04/45543_59035_2122.jpg)
जो शख़्स ईश्वर से डरता है लोग उसे अहमियत देते हैः इमाम अली नक़ी
कब किससे कोई बात कहनी चाहिए
जब किसी बात के लिए मुनासिब वक़्त न हो उस वक़्त बात न करोः हज़रत अली अलैहिस्सलाम
सदक़ा देने का वक़्त
सदक़ा सुबह जल्दी दो कि इससे इबलीस का चेहरा काला हो जाता हैः इमाम बाक़िर अलैहिस्सलाम
हज और उमरा करने वाला ख़ुदा का मेहमान
हज और उमरा करने वाला ख़ुदा का मेहमान है और ख़ुदा गुनाहों की माफ़ी की शक्ल में उसे तोहफ़ा देता हैः हज़रत अली अलैहिस्सलाम
मोमिन और मुनाफ़िक़ में फ़र्क़
मोमिन पहले सलाम करता है जबकि मुनाफ़िक़ कहता हैः मुझे सलाम किया जाएः पैग़म्बरे इस्लाम
लोगों में इज़्ज़त व शोहरत पाने का तरीक़ा
जो लोगों के बीच इज़्ज़त व शोहरत चाहता है उसे तन्हाई और सबके सामने दोनों ही हालत में गुनाह से बचना चाहिएः इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम
दुनिया में अधिक ज़िन्दगी पाने का राज़
इमाम मूसा काज़िम अलैहिस्सलाम फ़रमाते है कि जो शख़्स अपने घरवालों और भाइयों के साथ नेकी करे तो उसकी ज़िन्दगी बढ़ जाएगी।
अपनी औलाद की इज़्ज़त करना
अपनी औलाद की इज़्ज़त करो और उन्हें अदब सिखाओः पैग़म्बरे इस्लाम
दूसरों के ऐब से पहले अपने ऐब पर नज़र.
हज़रत इमाम जाफ़रे सादिक़ अलैहिस्सलाम फ़रमाते हैं कि इंसान के लिए सबसे ज़्यादा फ़ायदेमंद चीज़ यह है कि वह दूसरों के ऐब व कमियों पर नज़र डालने से पहले अपने ऐब व कमी पर नज़र रखे।
source : irib.ir