पुस्तकः पश्चाताप दया की आलिंग्न
लेखकः आयतुल्ला अनसारीयान
لَقَدْ كانَ فِى قِصَصِهِمْ عِبْرَةٌ لاُولِى الاَلْبابِ
“लक़द काना फ़ी क़ेसासेहिम इबरतुन लेऊलिलअलबाब...”(सुरए युसुफ़ 12, छंद 111)
निश्चितरूप से उनकी कहानियां (घटनाएं,वाक़ेआत) बुद्धिमानो के लिए इबरत है।
पश्चातापीयो की कहानीया
उदाहरणीय महिला
आसिया फ़िरऔन की पत्नि थी, वह फ़िरऔन जिसमे अहंकार तथा घमंड का नशा भरा था, जिसका शरीर हानिकारक जिसका अक़ीदा और कर्म बेकार थे।
क़ुरआन ने फ़िरऔन को अहंकारी, घमंडी, अत्याचारी तथा रक्तपात करने वाले के नाम से याद किया है और उसको (तानाशाह, अत्याचारी शासक) का नाम दिया है।
आसिया फ़िरऔन के साथ जीवन व्यतीत करती थी, और वह फ़िरऔनी शासन की महारानी थी, सारी चीज़े उसके इख़तियार मे थी।
वह भी अपने पति के आदेशो का पालन करती थी, तथा अपनी इच्छानुसार राजकोष से लाभ उठाती थी।
ऐसे पति के साथ जीवन, ऐसी सत्ता के साथ ऐसे राजदरबार के अंदर, इतनी अधिक मात्रा मे धन व दौलत के साथ, आज्ञाकारी सेवको तथा दासीयो के साथ मे उसका बेहतरीन जीवन था।
एक किशोर तथा शक्तिशाली महिला ने ऐसी अवस्था मे ईश्वरी दूत हज़रत मूसा पुत्र इमरान के माध्यम से ईश्वरी संदेश सुना, उसने अपने पति के चाल चलन तथा कर्मो के बातिल होने को समझ लिया, इसलिए उसके हृदय मे हक़ीक़ी नूर चमक उठा।
जारी