अभागा है वह व्यक्ति जो अपनी इच्छाओं पर मर मिटेः हज़रत अली अलैहिस्सलाम
पहले मज़दूरी तय करने की अहमियत
पैग़म्बरे इस्लाम ने मज़दूर को मज़दूरी तय करने से पहले काम पर लगाने से मना किया हैः हज़रत अली अलैहिस्सलाम
दिखावे का नुक़सान
ईश्वर उस कर्म (अमल) को स्वीकार नहीं करता जिसमें तनिक भी दिखावा होः पैग़म्बरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद मुस्तफ़ा सल्लल लाहो अलैहि व आलेही व सल्लम।
भाग्यवान हज़रत अली की दृष्टि में
भाग्यवान वह व्यक्ति है जो ईश्वर को दृष्टि में रखे और अपने पाप से डरेः हज़रत अली अलैहिस्सलाम
ईश्वर की अवज्ञा का परिणाम
जिसे ईश्वर की अवज्ञा में आनंद आता है ईश्वर उसे अपमानित करता हैः हज़रत अली अलैहिस्सलाम
बुराइयों से दूरी
बुराइयों से दूरी भले कर्म करने से बेहतर हैः हज़रत अली अलैहिस्सलाम
छोटे पाप बड़े पाप की पृष्ठिभूमि
जो छोटे गुनाह करते वक़्त ईश्वर से नहीं डरता वह बड़े गुनाह करते वक़्त भी ईश्वर से नहीं डरेगाः इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम
पाखंडी की पहचान
पाखंडी (मुनाफ़िक़) की तीन पहचान हैः झूठ बोलता है, वादा पूरा नहीं करता और अमानत में ख़यानत करता हैः पैग़म्बरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद मुस्तफ़ा सल्लल लाहो अलैहे व आलेही व सल्लम
मन की शुद्धि का फ़ायदा
अपने मन को शुद्ध करो कि ऐसी हालत में थोड़ा सा कर्म भी काफ़ी होगाः पैग़म्बरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद मुस्तफ़ा सल्लल लाहो अलैहे व आलेही व सल्लम
अच्छे कर्म करने में अक़्ल की भूमिका
बुद्धि ही अच्छाइयों का रास्ता दिखाती हैः इमाम ज़ैनुल आबेदीन अलैहिस्सलाम
लोगों के साथ शिष्टाचार का फ़ायदा
बुद्धि (अक़्ल) का एक तिहाई भाग लोगों के साथ शिष्टाचार (ख़ुश एख़्लाक़ी) से पेश आने में छिपा हैः इमाम जाफ़रे सादिक़ अलैहिस्सलाम
मोमिन की विशेषता
मोमिन अपने अच्छे काम से ख़ुश और बुरे काम से दुखी होता हैः पैग़म्बरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद मुस्तफ़ा सल्लल लाहो अलैहे व आलेही व सल्लम
अच्छे कर्म का फ़ायदा
अच्छे काम के लिए जल्दी करो ताकि तुम्हारी सीधे रास्ते की ओर रहनुमाई हो सके
चिंतन-मनन (ग़ौर-व-फ़िक्र) करने का महत्व
ग़ौर-व-फ़िक्र करना इबादत हैः हज़रत अली
ईश्वर से डरने का इनाम
जो शख़्स ईश्वर से डरता है लोग उसे अहमियत देते हैः इमाम अली नक़ी
कब किससे कोई बात कहनी चाहिए
जब किसी बात के लिए मुनासिब वक़्त न हो उस वक़्त बात न करोः हज़रत अली अलैहिस्सलाम
सदक़ा देने का वक़्त
सदक़ा सुबह जल्दी दो कि इससे इबलीस का चेहरा काला हो जाता हैः इमाम बाक़िर अलैहिस्सलाम
हज और उमरा करने वाला ख़ुदा का मेहमान
हज और उमरा करने वाला ख़ुदा का मेहमान है और ख़ुदा गुनाहों की माफ़ी की शक्ल में उसे तोहफ़ा देता हैः हज़रत अली अलैहिस्सलाम
मोमिन और मुनाफ़िक़ में फ़र्क़
मोमिन पहले सलाम करता है जबकि मुनाफ़िक़ कहता हैः मुझे सलाम किया जाएः पैग़म्बरे इस्लाम
लोगों में इज़्ज़त व शोहरत पाने का तरीक़ा
जो लोगों के बीच इज़्ज़त व शोहरत चाहता है उसे तन्हाई और सबके सामने दोनों ही हालत में गुनाह से बचना चाहिएः इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम
दुनिया में अधिक ज़िन्दगी पाने का राज़
इमाम मूसा काज़िम अलैहिस्सलाम फ़रमाते है कि जो शख़्स अपने घरवालों और भाइयों के साथ नेकी करे तो उसकी ज़िन्दगी बढ़ जाएगी।
अपनी औलाद की इज़्ज़त करना
अपनी औलाद की इज़्ज़त करो और उन्हें अदब सिखाओः पैग़म्बरे इस्लाम
दूसरों के ऐब से पहले अपने ऐब पर नज़र.
हज़रत इमाम जाफ़रे सादिक़ अलैहिस्सलाम फ़रमाते हैं कि इंसान के लिए सबसे ज़्यादा फ़ायदेमंद चीज़ यह है कि वह दूसरों के ऐब व कमियों पर नज़र डालने से पहले अपने ऐब व कमी पर नज़र रखे
source : irib.ir