ईरान के एक बुद्धिजीवी ने कहा है कि छात्रों को चाहिए कि जिस प्रकार से भी संभव हो वरिष्ठ नेता का संदेश पूरी दुनिया के युवाओं तक पहुंचाएं।
हसन रहीम पुर अज़ग़दी ने तेहरान मेडिकल यूनीवर्सिटी में इस्लामी क्रांति की सफलता के उपलक्ष्य में आयोजित हुए एक समारोह में कहा कि युवा, समाज के अन्य वर्गों से अधिक पवित्र होते हैं और उनके समक्ष जितने भी नकारात्मक प्रचार किए जाएं उनमें, सुनने का साहस अधिक होता है। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ नेता ने अमरीका व यूरोप के युवाओं के नाम जो संदेश दिया है उसमें उन्होंने पश्चिमी युवाओं से कहा है कि वे स्वयं इस्लाम के बारे में शोध करें। रहीम पुर अज़ग़दी ने कहा कि वरिष्ठ नेता ने पश्चिमी युवाओं को इस बात का निमंत्रण दिया है कि वे स्वयं इस्लामी को पहचानें और पश्चिम के पिट्ठू आतंकियों से इस्लाम को न सीखें।
ईरान के इस बुद्धिजीवी ने कहा कि पश्चिम का प्रयास है कि मुसलमानों को जंगली और बर्बर दर्शाएं जबकि मानव इतिहास में ज्ञान-विज्ञान की सबसे बड़ी सभ्यता की आधारशिला मुसलमानों ने रखी है और सभी नवीन विज्ञानों के आरंभ का मार्ग इस्लाम ने प्रशस्त किया है तो फिर किस प्रकार ऐसी सभ्यता के विरुद्ध नकारात्मक प्रचार किए जा रहे हैं। उन्होंने संचार के क्षेत्र में इंटरनेट व उपग्रह चैनलों की भूमिका की ओर संकेत किया और कहा कि यद्यपि लोगों के जीवन में इंटरनेट व उपग्रह चैनलों के नकारत्मक आयाम रहे हैं किंतु इनके अनेक सकारात्मक बिंदु भी हैं और अब पश्चिम बहुत सी बातों को छिपा नहीं सकता। उन्होंने कहा कि प्रोद्योगिकी, दुनिया के समक्ष इस्लाम के संदेश को पहुंचाने में पुल की भूमिका निभा सकती है।
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