![अब कभी हज़रत मोहम्मद के कार्टून नहीं बनाएंगे शार्ली हेब्दो के कार्टूनिस्ट अब कभी हज़रत मोहम्मद के कार्टून नहीं बनाएंगे शार्ली हेब्दो के कार्टूनिस्ट](https://erfan.ir/system/assets/imgArticle/2015/04/64437_429143_m.jpg)
फ्रांस की विवादास्पद पत्रिका शार्ली हेब्दो के कार्टूनिस्ट ने हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहो अलैहे व आलेही व सल्लम के अपमानजनक केरीकैचर भाविष्य में अब कभी भी न बनाने का ऐलान किया है।
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार शार्ली हेब्दो के कार्टूनिस्ट लुज़ ने एक पत्रिका को दिए साक्षात्कार में कहा कि अब मुझे इसमें रुचि नहीं रही, मैं उससे थक गया हूँ जिस तरह मैं सरकोज़ी के कार्टून बना बना कर थक गया था, मैं अब अपना पूरी जीवन कार्टून बनाने में नहीं गुज़ार सकता।
ज्ञात रहे कि शार्ली हेब्दो नामक पत्रिका ने 2011 में पैग़म्बर इस्लाम हज़रत मुहम्मद (स) के अपमानजनक केरीकैचर अपने मुख पृष्ठ पर प्रकाशित किए थे, जिसके बाद उसके कार्यालय पर फ़ाइरबमों के माध्यम से हमला किया गया था, बाद में इस पत्रिका ने आईएसआईएल के स्वंमभु ख़लीफा अबू बक्र अल-बग़दादी की ओर से ट्वीट किया था, जिसके बाद इसी वर्ष जनवरी में बंदूकधारियों ने शार्ली हेब्दो कार्यालय पर हमला कर गोलीबारी कर दी थी, जिसके परिणाम स्वरूप 12 लोग मारे गए थे।
शार्ली हेब्दो के कार्टूनिस्ट लुज़ ने अपने साक्षात्कार में कहा कि इन सब के बावजूद इसमें आतंकवादियों की जीत नहीं हुई, क्योंकि उनकी जीत तब होती जब पूरा फ़्रांस भयभीत हो जाता।
याद रहे कि एक मुसलमानों के लिए किसी भी तरह हज़रत मुहम्मद (स) का अपमान असहनीय है और निन्दा की श्रेणी में आती है, लेकिन शार्ली हेब्दो पर हमले के बाद इस पत्रिका ने अपने अगले ही प्रकाशन में हज़रत मुहम्मद (स) का अपमानजनक केरीकैचर फिर से प्रकाशित किया था और जिसमें "Je suis Charlie" (मैं चार्ली हूँ) की तख्ती पकड़ाई गई जबकि लिखा था "सब कुछ माफ है" और साथ ही ।
स्वतंत्रता अभिव्यक्ति और मृतकों से एकता के लिए संस्थान ने पत्रिका की दसियों लाख प्रतियां बेचीं जबकि आमतौर पर इस का 60 हज़ार से अधिक प्रकाशन नहीं होता था।
source : abna