संयुक्त राष्ट्रसंघ में सऊदी अरब के प्रतिनिधि ने दावा किया है कि उनका देश आतंकवाद से मुकाबले और क्षेत्र एवं विश्व में शांति स्थापित करने के लिए तैयार है।
अब्दुल्लाह मोअल्लेमी ने 12 मई को आतंकवादी विचारधारा के संबंध में सुरक्षा परिषद में आयोजित होने वाली बैठक में दावा किया कि ईरान पश्चिम एशिया के क्षेत्र में आतंकवाद का स्रोत है।
यह ऐसी स्थिति में है जब इराक और सीरिया में लड़ने वाले आतंकवादियों को सऊदी अरब का व्यापक समर्थन प्राप्त है और सऊदी अरब विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में आतंकवादी और अतिवादी विचार धारा के निर्यात का स्रोत है। दाइश, अलक़ायदा और तालेबान जैसे विभिन्न आतंकवादी गुटों के मध्य सऊदी तत्वों की उपस्थिति को विस्तृत पैमाने पर देखा जा सकता है।
इसी प्रकार हर आतंकवादी कार्यवाही में एक सऊदी की भूमिका को पूर्णरूप से देखा जा सकता है। इसी प्रकार क्षेत्र में अतिवादी और आतंकवादी तत्वों को सऊदी अरब का व्यापक समर्थन प्राप्त है और इस संबंध में वह इस्राईल,अमेरिका, क़तर और तुर्की के साथ सहकारिता कर रहा है। साथ ही सऊदी अरब क्षेत्र और विश्व में अतिवादी एवं आतंकवादी विचार धारा के फैलने का स्रोत है और हर प्रकार की हिंसा की जड़ को वहाबी विचार धारा में खोजा जाना चाहिये।
आतंकवाद के स्रोत के रूप में सऊदी अरब ऐसी स्थिति में ईरान पर आतंकवाद के समर्थन का आरोप लगा रहा है जब स्वयं इस्लामी गणतंत्र ईरान आतंकवाद की भेंट चढ़ा है और इस मार्ग में उसने भारी जानी व माली क्षति उठाई है। इस्लामी गणतंत्र ईरान शांति व सुरक्षा के लिए क्षेत्रीय देशों के मध्य सहकारिता आवश्यक समझता है और आतंकवाद से मुकाबले के परिप्रेक्ष्य में वह सीरिया और इराक में इन देशों की सरकारों के साथ रचनात्मक सहकारिता कर रहा है।
ईरान के अनुसार आतंकवाद को अच्छे और बुरे में नहीं बांटा जा सकता और आतंकवाद जिस रूप में भी हो उसे समूल नष्ट किया जाना चाहिये और सऊदी अरब द्वारा आतंकवादी गुटों का समर्थन और जायोनी शासन के साथ सहकारिता का आंतकवाद तथा हिंसा से मुकाबले में कोई तालमेल नहीं है क्योंकि आतंकवाद और जायोनी शासन स्वयं हिंसा हैं।
source : abna24