लखनऊ के छोटे इमामबाड़े में उत्तर प्रदेश सरकार और ज़िला प्रशासन के ख़िलाफ दर्जनों मुस्लिम धर्मगुरूओं, बुद्धिजीवियों और हज़ारों लोगों की उपस्तिथि में विशाल जनसभा का आयोजन हुआ।
बुधवार 1 जून को लखनऊ में इमामबाड़ो की धार्मिक स्थिति समाप्त किए जाने, इबादतगाहों की पवित्रता के उल्लंघन, हुसैनाबाद ट्रस्ट में जारी भ्रष्टाचार और वक़्फ़ संपत्तियों की बर्बादी के ख़िलाफ़ लखनऊ के हुसैनाबाद क्षेत्र में स्थित शाही छोटे इमामबाड़े में एक विरोध जनसभा का आयोजन हुआ।
भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में इमामबाड़ों की धार्मिक स्थिति को समाप्त किए जाने के विरोध में आयोजित जनसभा में शिया-सुन्नी धर्मगुरूओं सहित भारी संख्या में लोगों ने भाग लिया। जनसभा में शामिल लोगों में राज्य सरकार और ज़िला प्रशासन के ख़िलाफ़ ग़ुस्सा दिखाई दिया।
विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए मजलिसे ओलमाए हिन्द के महासचिव वरिष्ठ शिया धर्मगुरू इमामे जुमा मौलाना कल्बे जवाद नक़वी ने इमामबाड़ों की पवित्रता का उल्लंघन करने और इबादतगाहों के अपमान पर राज्य सरकार तथा ज़िला प्रशासन की चुप्पी की निंदा की। उन्होंने कहा कि हम राज्य सरकार और प्रशासन की साज़िशों को कभी कामयाब नहीं होने देंगे।
मौलाना कल्बे जवाद ने कहा कि इमामबाड़ों को मनोरंजन स्थल बनाना सरकार और प्रशासन का पुराना सपना है और यह सपना, सपना ही रहेगा। उन्होंने कहा कि बड़े खेद की बात है कि राज्य सरकार और प्रशासन योजनाबद्ध तरीक़े से इमामबाड़ों में अर्धनग्न कपड़ों में पर्यटकों को आने की अनुमति दे रहा है, फिल्मों की शूटिंग की इजाज़त दी जा रही है और अर्धनग्न हालत में नृत्य की अनुमति भी दी जा रही है जो अति निंदनीय है।
मौलाना कल्बे जवाद ने अधिक कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि वक़्फ़ की ऐतिहासिक इमारतों और इमामबाड़ों का स्वरूप बदला जा रहा है। इमारतों को गंभीर नुकसान पहुंचाया जा रहा है जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि जब हम इसका विरोध करते हैं तो सरकार पुलिस द्वारा हमारे जवानों को झूठे मुक़द्दमों में फंसाकर परेशान करती है।
मौलाना कल्बे जवाद ने कहा कि अब पानी सिर के उपर पहुंच चुका है। सरकार व प्रशासन हमारी ख़ामोशी को हमारी कमज़ोरी न समझे। उन्होंने कहा कि जल्द ही हम सरकार को अपने प्रदर्शनों द्वारा यह दिखा देंगे की हम अपने इमाम की संपत्तियों को बर्बाद होते नहीं देख सकते और सरकार व प्रशासन के नपाक इरादों को पूरा नहीं होने देंगे।
जनसभा में शामिल सुन्नी धर्मगुरू मौलाना सैयद हसनैन बाक़री ने कहा कि सभी अधिकारी और राजनीतिक नेता शपथ लेते समय कहते है कि वे क़ानून की रक्षा और देश के प्रति वफ़ादार रहेंगे, मगर वे इस शपथ की लॉज नहीं रखते। उन्होंने कहा कि यूपी की समाजवादी सरकार पर शिया और सूफ़ी मुसलमानों पर अत्याचार का आरोप लगाते हुए कहा कि 2017 के आगामी चुनाव में हम समाजवादी सरकार का पूरी ताक़त के साथ विरोध करेंगे, क्योंकि इस सरकार ने मुसलमानों को धोखा दिया है।
जनसभा में वरिष्ठ वक्ता मौलाना हबीब हैदर आब्दी ने कहा कि 18 सितंबर को होने वाली रैली में पूरे उत्तर प्रदेश से जनता को बुलाया जा रहा है। इससे पहले हम शिया और सुन्नी सूफियों के बीच जाकर सरकार के अन्याय और अत्याचार के ख़िलाफ़ जागरूकता पैदा करेंगे। उन्होंने कहा कि समाजवादी सरकार के अत्याचारों को अधिक बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
source : abna24