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Tuesday 26th of November 2024
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आले ख़लीफ़ा सरकार ने ठोकीं अपने ही ताबूत में आख़री कीलें!!!

बहरैन के प्रसिद्ध शिया मौलाना आयतुल्लाह शेख ईसा कासिम के खिलाफ़ ऑले खलीफा तानाशाही ने एक घिनौना कदम उठाते हुए कल सुबह ऐलान कर दिया कि आयतुल्लाह शेख़ ईसा क़ासिम की नागरिकता, सरकार विरोधी बयानों के कारण ख़त्म की जा रही है इससे पहले आयतुल्लाह ईसा क़ासिम के कार्यालय पर सेना ने हमला कर दिया
आले ख़लीफ़ा सरकार ने ठोकीं अपने ही ताबूत में आख़री कीलें!!!

बहरैन के प्रसिद्ध शिया मौलाना आयतुल्लाह शेख ईसा कासिम के खिलाफ़ ऑले खलीफा तानाशाही ने एक घिनौना कदम उठाते हुए कल सुबह ऐलान कर दिया कि आयतुल्लाह शेख़ ईसा क़ासिम की नागरिकता, सरकार विरोधी बयानों के कारण ख़त्म की जा रही है

इससे पहले आयतुल्लाह ईसा क़ासिम के कार्यालय पर सेना ने हमला कर दिया था जिसमें तोड़फोड़ भी की गई, इसी दौरान शुक्रवार को सेना ने आयतुल्लाह ईसा क़ासिम के शहर की सबसे बड़ी जामा मस्जिद दराज़ में नमाज़े जुमा पर भी प्रतिबंध लगाया दिया था जिसके विरोध में इस सप्ताह बहरैन की सभी मस्जिदों में जुमे की नमाज़ नहीं हुई।

इसी बीच कल सुबह अचानक गृह मंत्रालय की ओर से एक घोषणा हुई कि आयतुल्लाह ईसा कासिम की नागरिकता समाप्त कर दी गई है,यह ख़बर आग की तरह पूरे बहरैन में फैल गई जिसके बाद उल्मा काउंसिल ने जनता से आयतुल्लाह ईसा क़ासिम के घर की ओर मार्च करने और वहां इकट्ठे होने की अपील की।

बहरैन में उल्मा काउंसिल के प्रमुख ने आयतुल्लाहईसा क़ासिम के घर के सामने कफ़न पहनते हुए ऐलान कर दिया कि ''लब्बैक या कासिम'' आयतुल्लाह ईसा कासिम के बिना यह देश और ज़िंदगी कोई मायने नहीं रखती,उधर हजारों की संख्या में लोग बहुत ज़्यादा भावनात्मक और क्रांतकारी तरीक़े से गली गली,मोहल्ले-मोहल्ले से आयतुल्लाह ईसा क़ासिम के घर की ओर रवाना हुए।

इस समय हजारों औरतें,बूढ़े, जवान आयतुल्लाह ईसा के घर के सामने मौजूद हैं उनके घर की ओर जाने वाले सभी रास्तों को सेना ने सील कर दिया है

उल्मा ने आयतुल्लाह के घर के सामने नामालूम अवधि तक धरने का आह्वान किया है।

आयतुल्लाह ईसा क़ासिम न केवल बहरैनी शियों के नेता हैं बल्कि दुनिया भर के शियों में उन्हें सम्मान की निगाह से देखा जाता है,इस ख़बर के फैलने के बाद क़ुम, नजफ और लेबनान के उल्मा की ओर से प्रतिक्रिया सामने आई है।

आयतुल्लाह ईसा कासिम एक शरीफ़ और साधारण इंसान हैं जिन्हें सभी बहरैनी और दूसरे समुदायों के लोग भी सम्मान की निगाह से देखते हैं,आयतुल्लाह ईसा क़ासिम ने हमेशा अधिकारों को हासिल करने के संघर्ष में शांतिपूर्ण तरीक़े की ताकीद की है।

बहरैन की तानाशाह सरकार की ओर से इस कार्यवाई को दुनिया भर में ग़म व ग़ुस्से के साथ साथ आश्चर्य से भी देखा जा रहा है। राजनीतिक विश्लेषक, बहरैनी सरकार के इस कदम को सरकार की आत्महत्या के रूप में देख रहे हैं।

बहरैन में बस कुछ ही घंटों में दसियों हजार लोग इकट्ठे हो चुके हैं और आयतुल्लाह ईसा क़ासिम के घर के चारो तरफ की गलियां, सड़कें पूरी तरह से भर चुकीं हैं ऐसा लगता है कि फिर से लोलो स्क्वायर सज गया है लेकिन इस बार जनता में भारी गुस्सा देखा जा रहा है।


source : abna24
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