भारतीय समाचार पत्र की रिपोर्ट के अनुसार ईरान और भारत के बीच स्थानीय मुद्रा पर समझौते के बाद द्विपक्षीय व्यापारिक गतिविधियों में 100 प्रतिशत की वृद्धि देखने में आई है।
भारत के अंग्रेज़ी समाचार पत्र “बिजनेस स्टैंडर्ड” ने अपनी एक रिपोर्ट में लिखा है कि ईरान और भारत के बीच साझा व्यापार के लिए स्थानीय मुद्रा रियाल और रुपया का उपयोग करने से संबंधित समझौते किए गए थे जिसके बाद द्विपक्षीय व्यापार में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है। भारत के “यूको बैंक” द्वारा दी गई गारंटी के बाद, ईरान और भारत के बीच स्थानीय मुद्रा समझौते को और मज़बूती मिली है।
समाचार पत्र बिजनेस स्टैंडर्ड के मुताबिक़, आर्थिक मामलों के विशेषज्ञों का कहना है कि दोनों देशों के बीच हुए ताज़ा समझौते के बाद ईरान में चाय पत्ती बाज़ार में 15 से 20 प्रतिशत सुधार हुआ है। पिछले वर्ष भारत, ईरान को चाय पत्ती निर्यात करने वाला दूसरा सबसे बड़ा देश रहा लेकिन इसके बावजूद अमेरिका द्वारा तेहरान पर लगाए गए एकपक्षीय प्रतिबंधों के कारण भारत के निर्यात में कमी आ गई थी। भारत में चाय की खेती करने वालों की एसोसिएशन के अनुसार, दोनों देशों के बीच स्थानीय मुद्रा समझौते के बाद अब भारतीय व्यापारी बिना किसी परेशानी के ईरान को चाय पत्ती निर्यात कर सकेंगे।
इस बीच ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, पिछले जनवरी में ईरान और भारत होने वाली व्यापारिक गतिविधियों में 109 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। दोनों देशों के वाणिज्यिक मात्रा कुल मिलाकर 10.6 अरब डॉलर है जिसमें 8 अरब डॉलर केवल कच्चे तेल के आयात और 2.6 अरब डॉलर ईरान के लिए चाय की पत्तियां और चावल निर्यात में शामिल हैं।