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Sunday 7th of July 2024
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हज़रत अबुतालिब अलैहिस्सलाम

हज़रत अबुतालिब अलैहिस्सलाम
नाम हज़रत अबुतालिब अलैहिस्सलाम का अस्ल नाम इमरान व अबुतालिब आपकी कुन्नीयत थी। माता पिता हज़रत अबुतालिब अलैहिस्सलाम के पिता हज़रत अब्दुल मुत्तलिब व  आपकी माता हज़रत ...

दुआए अहद

दुआए अहद
इमाम जाफर अल-सादिक़ (अ:स) से नकल हुआ है की जो शख्स चालीस रोज़ तक हर सुबह इस दुआए अहद तो पढ़े तो वोह इमाम (अ:त:फ) के मददगारों में से होगा और अगर वो इमाम (अ:स) के ज़हूर के पहले मर जाता है ...

हदीस-शास्त्र

हदीस-शास्त्र
अच्छा मनुष्य, अच्छा ख़ानदान, अच्छा समाज और अच्छी व्यवस्था-यह ऐसी चीज़ें हैं जिन्हें हमेशा से, हर इन्सान पसन्द करता आया है क्योंकि अच्छाई को पसन्द करना मानव-प्रकृति की ...

इमाम महदी(अ.स) की ज़ियारत

इमाम महदी(अ.स) की ज़ियारत
इस ग़ैबत के ज़माने की सब से बड़ी मुश्किल और परेशानी यह है कि शिया अपने मौला व आक़ा के दर्शन से वंचित हैं। ग़ैबत का ज़माना शुरु होने के बाद से उनके ज़हूर का इन्तेज़ार करने ...

ईरान के इंक़ेलाब का मक़सद, इस्लामी पाक व पवित्र ज़िन्दगी की तलाश थी।

ईरान के इंक़ेलाब का मक़सद, इस्लामी पाक व पवित्र ज़िन्दगी की तलाश थी।
रानी पब्लिक ने इस्लामी इन्क़ेलाब की कामयाबी तक हज़रत इमाम ख़ुमैनी रह. के नेतृत्व में जितने प्रयास किये या इन्क़ेलाब की कामयाबी के बाद इस देश नें जितनी मुश्किलों का सामना ...

प्रकाशमयी चेहरा “जौन हबशी”

प्रकाशमयी चेहरा “जौन हबशी”
जौन बिन हुवैइ बिन क़तादा बिन आअवर बिन साअदा बिन औफ़ बिन कअब बिन हवी (1), कर्बला के बूढ़े शहीदों मे से थे। आप अबूज़र ग़फ़्फ़ारी और इमाम हुसैन (अ) के दास थे। आप अबूज़र ग़फ़्फ़ारी ...

वसवसों से मुक़ाबला

वसवसों से मुक़ाबला
अज़ीज़ो ! रूहो रवान का सकून , यह एक ऐसा गोहरे बे बहा है जिसको हासिल करने के लिए ख़लील उल अल्लाह (हज़रत इब्राहीम अ.) कभी आसमाने मलाकूत की तरफ़ देखते थे और कभी ज़मीन पर नज़र करते ...

नज़र अंदाज़ करना

नज़र अंदाज़ करना
  बे अहमीयत चीज़ों से लापरवाही बरतते हुए उन्हे नज़र अंदाज़ करके अपनी शख़्सियत की हिफ़ाज़त करें। क्यों नज़र अंदाज़ करना चाहिये?   समाजी ज़िन्दगी और घरेलू ज़िन्दगी में ...

इस्लामी संस्कृति व इतिहास-2

इस्लामी संस्कृति व इतिहास-2
  इससे पहले वाली कड़ी में हमने बताया कि मानव संस्कृति में इस्लामी सभ्यता व संस्कृति की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। पूरे इतिहास में विदेशियों ने इस्लामी सभ्यता की महान व ...

हज़रत अली अलैहिस्सलाम:

हज़रत अली अलैहिस्सलाम:
उस व्यक्ति को मैं पसंद नहीं करता हूं जो सांसारिक कार्यों को अंजाम देने में आलस्य से काम लेता और उसकी उपेक्षा करता है क्योंकि जो अपने सांसारिक जीवन के प्रति इस प्रकार है ...

सबसे पहला ज़ाएर

सबसे पहला ज़ाएर
कर्बला में दस मुहर्रम को आशूरा की घटना के बाद सबसे पहले जब इंसान ने इमाम हुसैन (अ.) की क़ब्र की ज़ियारत की वह रसूले ख़ुदा के सहाबी (साथी) जाबिर इब्ने अब्दुल्लाह अन्सारी थे।वह ...

कुमैल को अमीरुल मोमेनीन (अ.स.) की वसीयत 8

कुमैल को अमीरुल मोमेनीन (अ.स.) की वसीयत 8
 पुस्तक का नामः दुआए कुमैल का वर्णन लेखकः आयतुल्लाह अनसारियान   हे कुमैल, कठिनाई के समय (ला हौला वला क़ुव्वता इल्ला बिल्लाह) कहो कि परमेश्वर इसके द्धारा तुम्हे बचाता है। ...

तरकीबे नमाज़

तरकीबे नमाज़
अक़ामत के बाद सीधा खड़ा हो क़िब्ला की तरफ़ मुंह करके और इस तरह नियत करें नमाज़ पढ़ता हूँ मैं (जैसे) सुबह की दो रकअत वाजिब क़ुर्बतन इलल्लाह इसके साथ ही तकबीर कहें यानी ...

हज़रते क़ासिम बिन इमाम हसन अ स

हज़रते क़ासिम बिन इमाम हसन अ स
क़ासिम इमाम हसन बिन अली (अ) के बेटे थे और आप की माता का नाम “नरगिस” था मक़तल की पुस्तकों ने लिखा है कि आप एक सुंदर और ख़ूबसरत चेहरे वाले नौजवान थे और आपका चेहरा चंद्रमा की भाति ...

मियांमार के संकट का वार्ता से समाधान हो

मियांमार के संकट का वार्ता से समाधान हो
संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव के प्रवक्ता ने इस बात का उल्लेख करते हुए कि बान की मून ने बयान जारी करके मियांमार में मुसलमानों की हत्या की आलोचना की है, कहा कि हम इस देश के ...

इमाम अली रज़ा अ. का संक्षिप्त जीवन परिचय।

इमाम अली रज़ा अ. का संक्षिप्त जीवन परिचय।
हलेबैत न्यूज़ एजेंसी अबना: अबुल हसन अली इब्ने मूसर्रेज़ा अलैहिस्सलाम जो इमाम रेज़ा अलैहिस्सलाम के नाम से मशहूर हैं, इसना अशरी शियों के आठवें इमाम हैं। आपके वालिद इमाम ...

ईरान की इस्लामी क्रांति के संस्थापक इमाम ख़ुमैनी र. की बरसी।

ईरान की इस्लामी क्रांति के संस्थापक इमाम ख़ुमैनी र. की बरसी।
यह वह दिन है कि इस्लामी गणतंत्र ईरान के संस्थापक इमाम ख़ुमैनी रहमतुल्लाह अलैह इस नश्वर संसार से चले गये। एक ऐसी हस्ती जिसने ईरान के इतिहास पर गहरा व निर्णायक असर डाला और ...

हज़रत अली . की नसीहत।

हज़रत अली . की नसीहत।
हज़रत अली अलैहिस्सलाम: दुनिया के दिन, दो दिन हैं एक तुम्हारे हित में और दूसरा तुम्हारे अहित में, तो अगर वह तुम्हारे फ़ायदे में हो तो उदंडता न करो और अगर तुम्हारे नुकसान में ...

आत्महत्या

आत्महत्या
आत्महत्या भी इस ज़माने के समाजी समस्याओं में सबसे ऊपर है, आज हिन्दुस्तान ही में नहीं बल्कि पूरी दुनिया में लोग आत्महत्या कर रहे हैं, और जान जैसी क़ीमती चीज़ ख़ुद अपने हाथों ...

उन्नीस मोहर्रम के वाक़ेआत

उन्नीस मोहर्रम के वाक़ेआत
अहले हरम की शाम रवानगी उन्नीस मोहर्रम सन 61 हिजरी को कर्बला के क़ैदियों का काफ़िला शाम की तरफ़ भेजा गया, और चूँकि शाम की सत्ता मोआविया के ही युग से बनी उमय्या के हाथों में थी ...