जनाबे फ़ातिमा ज़हरा स. की श्रेष्ठता दिल और आत्मा को इस तरह अपनी तरफ़ खींचती है कि इन्सान की ज़बान बंद हो जाती है। जो भी उनकी श्रेष्ठता और ख़ुदा और उसके रसूल की नज़र में उनके ...
हज़रत फ़ातिमा ज़हरा स. की फ़ज़ीलत व मरतबे को बयान करना इन्सान के बस में नहीं है। अगर कोई उनके मरतबे को देखना चाहता है तो उसे देखना चाहिए कि ख़ुदा और उसके रसूल की नज़र में आपका ...
किस नूर की मज्लिस में मिरी जल्वागरी हैजिस नूर से पुर-नूर ये नूर-ए-नज़री हैआमद ही में हैरान क़यास-ए-बशरी हैये कौन सी तस्वीर-ए-तजल्ली से भरी हैगो हुस्न का रुत्बा नहीं मज़कूर ...
संयुक्त राष्ट्र संघ में मानवाधिकार के उच्चायुक्त ने मियांमार में मुस्लिम अल्पसंख्यकों के जनसंहार की जांच को आवश्यक बताया है...
संयुक्त राष्ट्र संघ में मानवाधिकार के ...
तीन गुण, मित्र बनाते हैं, धर्मपरायणता, विनम्रता और दानशीलता।
लोगों के कार्यों की टोह में न रहो अन्यथा तुम बिना मित्र के हो जाओगे।
यदि मनुष्य का मन पवित्र हो जाए तो उसका ...
प्रिय पाठकों हम आपके सामने पैग़म्बर की इकलौती बेटी वह बेटी जिसे आपने अम्मे अबीहा कहा , वह बेटी जो सारे संसार की औरतों की सरदार हैं, वह बेटी जो सच्ची है, वह बेटी जो पवित्र है वह ...
नाम व उपाधियाँहज़रत इमाम सज्जाद अलैहिस्सलाम का नाम अली व आपकी मुख्य उपाधियां सज्जाद व ज़ैनुल आबेदीन हैं। सज्जाद अर्थात अत्यअधिक सजदे करने वाला। ज़ैनुल आबेदीन अर्थात ...
इस्लामी रिवायतों की बिना पर क़ुरआने मजीद की बे शुमार आयतें अहलेबैत अलैहिमुस्सलाम के फ़ज़ाएल व मनाक़िब की बयानगर हैं और इन्हीं मासूम हस्तियों के किरदार के मुख़्तलिफ़ ...
हिजरी क़मरी कैलेंडर के सातवें महीने रजब को उपासना और अराधना का महीना कहा जाता है जबकि इस पवित्र महीने के कुछ दिन पैग़म्बरे इस्लाम के परिजनों में कुछ महान हस्तियों से जुड़े ...
जनाबे फ़ातिमा ज़हरा स. की श्रेष्ठता दिल और आत्मा को इस तरह अपनी तरफ़ खींचती है कि इन्सान की ज़बान बंद हो जाती है। जो भी उनकी श्रेष्ठता और ख़ुदा और उसके रसूल की नज़र में उनके ...
हज़रत फ़ातिमा सलामुल्लाह अलैहा रात्री के एक पूरे चरण मे इबादत मे लीन रहती थीं। वह खड़े होकर इतनी नमाज़ें पढ़ती थीं कि उनके पैरों पर सूजन आजाती थी। सन् 110 हिजरी मे मृत्यु ...
जैसे कि हमने इससे पहले वाले लेख जिसका शीर्षक "फ़िदक और क़राबदतारों को उनका हक़ दे दो" था में लिखा कि पैग़म्बरे इस्लाम (स) ने अपने जीवन में फ़िदको हज़रत फ़ातेमा ज़हरा (स) को ...
मामून रशीद के इन्तेक़ाल के बाद जब मोतासिम बिल्लाह ख़लीफ़ा हुआ तो उसने भी अपने अबाई किरदार को सराहा और ख़ानदानी रवये का इत्तेबा किया। उसके दिल में भी आले मौहम्मद की तरफ़ से ...
हम यहा पर मोमिनों की तरफ़ से किये गए प्रश्नों और आयतुल्लाह सीस्तानी के उत्तर को बयान कर रहें हैं??????प्रश्नटेक्नालोजी की तरक़्क़ी और इन्टरनेट एवं सोशल नेटवर्क के कारण ...
इस्लाम दुश्मनों ख़ास कर ब्रिटेन ने इस्लाम को कमजोर करने और मुसलमानों के बीच फूट डालने के लिए जो विभिन्न षड़यंत्र रचे हैं उनमें से एक बहुत ही कारगर षड़यंत्र “इस्लामी ...
इमाम-ए-हुसैन अलैहिस्सलाम की ग्यारह साला इमामत की अवधि में (49 से 60 हिजरी तक) जिसमें मुआविया हुकूमत कर रहा था, आपके और उसके बीच बहुत ज़्यादा तनाव था जिनमें से कुछ अवसरों को ...
उफ़ुक़ पर मुहर्रम का चाँद नुमुदार होते ही दिल महज़ून व मग़मूम हो जाता है। ज़ेहनों में शोहदा ए करबला की याद ताज़ा हो जाती है और इस याद का इस्तिक़बाल अश्क़ों की नमी से होता है ...
13 रजब को अमीरूल मोमिनीन हज़रत अली अलैहिस्सलाम का शुभ जन्म हुआ, आप पैगम्बरे इस्लाम सल्लल्लाहो अलैहे व आलिही वसल्लम के चचाज़ाद भाई हैं और वह इसी नुबूव्वत की छाया में पले बढ़े ...
इराक़ में इमाम हुसैन अ. के चेहलुम के अवसर पर दुनिया के सबसे बड़े और भव्य जुलूस के समाचार के महत्व के बावजूद हमें देखने को मिल रहा है कि पश्चिमी मीडिया चेहलुम से सम्बंधित ...
अल्लाह तबारक व तआला ने तमाम आलमें इंसानियत के रुश्द व हिदायत के लिये इस्लाम में कई ऐसी हस्तियों को पैदा किया जिन्होने अपने आदात व अतवार, ज़ोहद व तक़वा, पाकीज़गी व इंकेसारी, ...